अरुण तिवारी @ RAIPUR
लोकसभा चुनाव ( Lok Sabha Elections ) आ गए हैं। तो सवाल उठता है कि क्या कहता है वोटर मीटर। बात छत्तीसगढ़ की करते हैं। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) भले ही छोटा और आदिवासी बहुल राज्य हो, लेकिन यहां चलती महिलाओं की है। खासतौर पर राजनीति की धुरी तो आधी आबादी के इर्द गिर्द ही घूमती है। यही कारण है कि महतारी वंदन करने में सरकार ने देर नहीं की। आखिर छत्तीसगढ़ में क्यों है महिला प्रधान सियासत।
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आधी आबादी पुरुषों से ज्यादा
ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 2 करोड़ 5 लाख 13 हज़ार 200 कुल वोटर हैं। जिनमें 1 करोड़ 1 लाख 80 हज़ार 405 पुरुष मतदाता हैं और 1 करोड़ 3 लाख 32 हज़ार 115 महिला वोटर हैं। यानी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं की संख्या है। इसीलिए इस बार जीत की चाबी महिलाओं के हाथ में है। यही कारण है विष्णु सरकार ( Vishnu government ) ने महिलाओं के खातों में लक्ष्मी बरसाने में देर नहीं की।
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क्या गेम चेंजर साबित होगा महतारी वंदन
अब यहां पर यह सवाल उठता है कि महिला वोटर की ज्यादा संख्या देखते हुए क्या महतारी वंदन योजना ( Mahtari Vandan Yojana ) जेम चेंजर साबित होगी। प्रदेश में कुल 82 लाख विवाहित महिलाएं हैं जो 21 साल से ऊपर हैं यानी महतारी वंदन योजना की पात्र हैं। इनमें 70 लाख तो रजिस्टर्ड हो गई हैं बाकी के लिए भी आवेदन की प्रक्रिया चालू है। सरकार ने 700 करोड़ बांटकर यह दिखा दिया है कि उनकी नीयत सभी पात्र महिलाओं को पैसे देने की है। सरकार कहती है कि अच्छा काम करेंगे तो फायदा तो मिलेगा ही।
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50 लाख युवा और 50 लाख किसान
अब बारी आती है 50 लाख युवा और 50 लाख किसान और कर्मचारियों की।। प्रदेश में जो पहली बार वोट डालेंगे उनकी संख्या 5 लाख 77 हज़ार 184 है। 21 से 29 साल तक के युवाओं की संख्या 47 लाख 11 हज़ार 890 है। यानी कुल मतदाता करीब 52 लाख हैं। बाकी किसानों,गरीबों और कर्मचारियों की संख्या है। इनको साधने के लिए भी आचार संहिता से पहले सरकार ने कुछ अहम गारंटी पर मुहर लगा दी। अपने तीन महीने के रिपोर्ट कार्ड में सीएम ने बताया कि सरकार ने 18 लाख पीएम आवास,किसानों को धन पर 2 साल का बकाया बोनस,धन खरीदी में अंतर की राशि दी 13 हज़ार करोड़,महतारी वंदन 655 करोड़ दिए, पीएससी घोटाला सीबीआई को सौंपा, तेन्दूपत्ता बढ़ी हुई कीमत पर खरीदने का फैसला, कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए 5 सदस्यों की कमेटी का गठन, कर्मचारियों का डीए बढ़ाया, पेंशनरों को मंहगाई राहत बढाई जिसमें 800 करोड़ का अतिरिक्त भार सहन किया।। यानी घोषणाओं के लॉलीपॉप से वोटरों को साधने की मुकम्मल कोशिश की गई। फिर भी सीएम कहते हैं कि ये सब चुनाव को देखकर नहीं किया।
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