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BHOPAL. मध्य प्रदेश में चल रही मूक योजनाओं से पूरा प्रदेश कर्ज में डूब रहा है। एमपी में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस लगातार घोषणाओं की झड़ी लगा रही हैं। इन सबके बीच मध्य प्रदेश में रहने वाले प्रति व्यक्ति पर लगातार कर्ज बढ़ता जा रहा है। हैरत की बात यह है कि दिग्विजय सिंह सरकार पर जितना कर्ज था, उतना तो शिवराज सरकार केवल ब्याज भर रही है। साल 2003 में दिग्विजय सिंह सरकार पर 20,000 करोड़ का कर्ज था। अब सरकार पर 3.32 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज है। सरकार 20,000 करोड़ रुपए केवल ब्याज चुका रही है।
'लाड़ली बहना योजना' से हर साल 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ
मध्य प्रदेश में कई ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जो सरकार के खजाने को खाली कर रही हैं। इसके बावजूद लगातार घोषणाओं की झड़ी लगाई जा रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'लाड़ली बहना योजना' लागू करने का एलान कर दिया है। इस योजना के जरिए मध्य प्रदेश को हर साल 12 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
शिवराज सरकार में मप्र के हर व्यक्ति पर अब 41 हजार रुपए कर्जा
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार पहले ही आर्थिक संकट से गुजर रही है। प्रदेश के खजाने खाली हैं। शिवराज सरकार में मप्र के हर व्यक्ति पर अब 41 हजार रुपए कर्जा है। इसी रफ्तार से बढ़ोतरी हुई, तो यह कर्ज अगले साल बढ़कर 47 हजार रुपए तक पहुंच जाएगा। 2017 तक यह कर्ज 21 हजार रुपए था। दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासन के आखिरी साल यानी 2003-04 में प्रदेश पर 20 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था जो प्रति व्यक्ति 3300 रुपए आता है, लेकिन यह कर्ज समय के साथ-साथ दिन दोगुना और रात चौगुना बढ़ता चला गया। वर्तमान में सरकार पर 3.32 लाख करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। सरकार लगभग 20,000 करोड़ रुपए ब्याज चुका रही है।
इसके बाद भी मध्य प्रदेश में घोषणाओं का सिलसिला जारी है। इसी के चलते शिवराज सरकार को कई बार हजारों करोड़ का कर्ज भी लेना पड़ा है।
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विकास यात्रा में घोषणाओं की झड़ी
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा विकास यात्रा निकाली जा रही है। एक इस विकास यात्रा में 25551 से ज्यादा लोकार्पण हो चुके हैं, जबकि 24309 भूमि पूजन किए गए हैं। इसके अलावा, 6 लाख से ज्यादा आवेदनों को स्वीकृत किया गया है। इस पर भी सरकार का हजारों करोड़ खर्च हुआ है। इसके अलावा, विकास यात्रा के दौरान कई ऐसी बड़ी घोषणाएं भी हुई हैं, जिस पर सरकार को अमल करने पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करना होगा। मध्य प्रदेश के उज्जैन की महिदपुर विधानसभा में ही लगभग 1100 करोड़ रुपए की घोषणा हुई है।
कांग्रेसी भी पीछे नहीं, कर्जमाफी से टूट गई कमर
मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बनने में सबसे ज्यादा योगदान ग्रामीण क्षेत्रों की विधानसभा सीटों का रहा है, जहां पर कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया। इसके पीछे कर्जमाफी सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है। उस समय कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के किसानों को 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। प्रदेश के लाखों किसानों का कर्जा माफ भी करने का दावा किया जाता रहा है।
इस योजना से मध्य प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। अभी एमपी के चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर मुफ्त की योजनाओं को लेकर बड़ी घोषणा कर सकती है।