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देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश में शराब को लेकर छिड़े बयान युद्ध के बीच अब गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की भी एंट्री हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा बीजेपी पर एमपी को शराब प्रदेश बनाने का आरोप लगाया तो गृहमंत्री ने कहा कि उन कमलनाथ को शराब के मामले में बोलने का क्या अधिकार है जो प्रदेश में महिलाओं के लिए अलग से बार शॉप खोलने के हिमायती रहे हैं।
कमलनाथ तो शराब की डोर टू डोर डिलीवरी कराने के पक्षधर
ग्वालियर पहुंचे गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जब कमलनाथ की सरकार थी तब वे घर-घर शराब पहुंचाने के लिए होम डिलीवरी करवाने शुरू करवाने के लिए प्रयासरत थे। इसलिए अब उन्हें तो शराब पॉलिसी पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने नर्मदा किनारे की 64 शराब दुकानों को एक साथ बंद करने के आदेश जारी किए। इतना ही नहीं प्रदेश भर में शराब दुकान के बगल में चलने वाले अहाते भी बंद करा कर लोगों को शराबखोरी से विमुक्त करने की पहल की है। गृहमंत्री ने कहा कि बीते 10 सालों में शिवराज सिंह की सरकार द्वारा शराब की एक भी दुकान नहीं खोली गई है।
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जातिगत जनगणना के मामले को टाल गए गृहमंत्री
मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित पिछड़े वर्ग संगठन से जुड़े कई लोग जातिगत जनगणना की प्रदेश में मांग करने पर उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्ग को आरक्षण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिया है। कमलनाथ सिर्फ लोगों का ध्यान मुद्दों से हटाने का काम करते हैं। गृहमंत्री ने जातिगत जनगणना की मांग पर सीधे तौर पर कोई जवाब नहीं दिया।
कमलनाथ से पूछे सवाल
उन्होंने कमलनाथ सरकार की कई घोषणाओं पर सवाल किए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने बेरोजगारों को भत्ता देने की बात कही थी, किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी, लेकिन इन वादों का क्या हुआ इस पर वो कोई बात नहीं करते हैं। गृह मंत्री ने कहा कि उनके मुख्यमंत्री एक दिन में तीन-तीन स्थानों का दौरा करते हैं, जबकि कमलनाथ का दौरा सिर्फ छिंदवाड़ा तक सीमित रहता है। इसलिए इस साल के अंत में होने वाले चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो जाएगा।