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देव श्रीमाली, GWALIOR. नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह द्वारा हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के राज्यसभा निर्वाचन के खिलाफ दायर की गई चुनावी याचिका में आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने सिंधिया की पैरवीं कर रहे एडवोकेट को लेकर बड़ी आपत्ति करते हुए कहाकि वे राज्य शासन के एडिशनल एडवोकेट जनरल है और नियमानुसार वे किसी चुनाव याचिका में किसी की पैरवी नही कर सकते।
नेता प्रतिपक्ष ने दायर की है याचिका
यह चुनावी याचिका लहार क्षेत्र से कांग्रेस विधायक और एमपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने दायर की है। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी से राज्यसभा के निर्वाचन को यह कहते हुए चुनौती दी है कि उन्होंने अपने नामांकन में अपने विरुद्ध दर्ज अपराध को छुपाया। गलत शपथ पत्र देकर निर्वाचन आयोग को गुमराह किया।
क्या है पूरा मामला
याचिका में कहा गया कि 2018 में भोपाल के श्यामला हिल्स थाने में कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी । लेकिन सिंधिया ने अपना नामांकन भरते समय दिए गए शपथ पत्र में इस अपराध का कोई जिक्र न करके निर्वाचन आयोग को गुमराह किया। इसलिए इनका राज्यसभा का निर्वाचन रद्द किया जाना चाहिए।
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आज हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री डाक्टर गोविंद सिंह की याचिका पर हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में आज सुनवाई हुई । याचिकाकर्ता के एडवोकेट कुवेर बोद्ध ने बताया कि उन्होंने कोर्ट के सामने अतिरिक्त महाधिवक्ता AAG अंकुर मोदी के पेश होने पर आपत्ति जताई। हमने नियम और कानून बताया कि कोई डबल एजी इलेक्शन पिटिशन में शामिल होकर पैरवी नहीं कर सकते हैं। ऐसा नियमों के विरुद्ध है, जबकि डबल एजी अंकुर मोदी सिंधिया परिवार के वकील है।
कोर्ट ने मोदी से मांगा जवाब
एडवोकेट कुबेर ने बताया कि हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की सिंगल बेंच के न्यायमूर्ति ने AAG अंकुर मोदी से इस मामले में जवाब मांगा तो उन्होंने कोर्ट से मोहलत मांगी इस पर कोर्ट ने उनसे 17 मार्च को जवाब देने को कहा।