इंदौर विधायक शुक्ला उठा रहे निगम के मुद्दे, नेता प्रतिपक्ष चौकसे उन्हीं का प्रेस नोट कर रहे जारी, संकट में आया विधानसभा दो से टिकट

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर विधायक शुक्ला उठा रहे निगम के मुद्दे, नेता प्रतिपक्ष चौकसे उन्हीं का प्रेस नोट कर रहे जारी, संकट में आया विधानसभा दो से टिकट

संजय गुप्ता, INDORE. शहराध्यक्ष विहीन इंदौर कांग्रेस में सभी नेता अपने-अपने स्तर पर मैदानी तैयारियों में जुटे हैं, इन्हीं तैयारियों में एक लड़ाई विधायक संजय शुक्ला और निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे के बीच भी चल रही है। दरअसल बीते दस दिनों में संजय शुक्ला ने नगर निगम से जुड़े तीन बड़े मुद्दे उठाते हुए प्रेस नोट जारी किया और अपना बयान देकर निगम की नीतियों का विरोध किया। शुक्ला की ओर से मीडिया में प्रेस रिलीज का आना हुआ कि कुछ देर बाद निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का मीडिया तंत्र सक्रिय हो जाता है और आधा-एक घंटे बाद वही का वही प्रेस नोट चौकसे के नाम से बदलकर जारी हो जाता है। ऐसे में शहर कांग्रेस के भीतर निगम नेता प्रतिपक्ष चौकसे की जमकर किरकिरी हो रही है। 





इन तीन मुद्दों पर प्रेस नोट कर दिया कॉपी







  • कुछ दिन पहले गांधी हॉल को लीज पर देने का मुद्दा द सूत्र ने उठाया था। एक दिन बाद विधायक शुक्ला ने इसे लेकर विरोध जताया और फिर इसकी भनक चौकसे को लगने के बाद उन्होंने भी बयान और प्रेस नोट जारी कर दिया कि गांधी हॉल को लीज पर देने का फैसला तत्काल वापस ले।



  • गौरव दिवस को लेकर शुक्ला ने विरोध जताया कि यहां जनप्रतिनिधियों को नकारा जा रहा है और बीजेपी के ही कई नेताओं को इसमें दरकिनार किया गया है। कांग्रेस को भी शामिल नहीं किया गया है। यही प्रेस नोट बाद में चिंटू चौकसे की मीडिया सेल ने जारी कर दिया।


  • यही नहीं अब शनिवार को संजय शुक्ला ने निगम परिषद द्वारा चुपचाप नक्शा मंजूरी शुल्क बढ़ाने को लेकर विरोध किया। यह प्रेस नोट आया ही था कि पीछे-पीछे चौकसे का इसी तरह का कॉपी किया हुआ प्रेस नोट और बयान जारी हो गया और इसमें भी इस शुल्क बढ़ोतरी को लेकर विरोध जताया गया। 






  • कांग्रेस के नहीं महापौर और अधिकारियों के साथ है क्या चौकसे?





    कांग्रेस के अंदर ही अब आरोप लगने लगे हैं कि निगम नेता प्रतिपक्ष चौकसे कांग्रेस की बजाय बीजेपी महापौर और अधिकारियों के साथ हो गए हैं और उन्हीं के तहत चल रहे हैं। इसलिए वह कोई बड़ा विरोध आंदोलन नहीं कर रहे हैं और चुपचाप निगम की बात मान रहे हैं। बावड़ी हादसे के समय जब कांग्रेस के कुछ नेताओं ने तत्कालीन निगमायुक्त प्रतिभापाल के खिलाफ भी थाने में आवेदन दे दिया, जिस पर चौकसे भड़क गए और अपने ही पार्टी के नेताओं से कहा कि क्यों निगमायुक्त के खिलाफ आवेदन दिया वह तो अपने सब काम कर देती है। कुछ दिन पहले ही वह पूर्व नेता प्रतिपक्ष के पति शेख अलीम से भी उलझ गए थे और उनकी मांग के बाद भी मुद्दे नहीं उठाने पर अलीम ने उन्हें भला-बुरा कहा, जिस पर चौकसे ने भी कहा कि मैं अपने हिसाब से काम करूंगा, उनके कहने पर नहीं। निगम में पद संभालने के बाद से ही चौकसे अभी तक निगम के खिलाफ कोई बड़ा अभियान, आंदोलन, प्रदर्शन नहीं कर सके हैं। वहीं चौकसे बीच में गोलू अग्निहोत्री को भी शहराध्यक्ष बनाने की मांग को लेकर दिल्ली जा चुके हैं और अपने साथ कई पार्षद भी ले गए थे, जो हाईकमान को रास नहीं आया है। 





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    विधानसभा दो के टिकट की दावेदारी संकट में





    विधानसभा दो के लिए टिकट की दावेदारी चिंटू चौकसे द्वारा की जा रही है। बीते निगम चुनाव में जिस तरह से विधानसभा दो में यह सभी चुनाव लड़े उनसे कांग्रेस को उम्मीद भी जग रही थी, लेकिन बीते कुछ माह से जिस तरह निगम में उनकी कार्यशैली है, उसकी खबरें आलाकमान के पास भी पहुंच रही है। हाल ही में पूर्व सीएम चौकसे के यहां कार्यक्रम में भी आए, यहां चौकसे ने काफी कोशिश की कि कमलनाथ मंच से उनके नाम की घोषणा कर जाएं, लेकिन कमलनाथ ने दो टूक कह दिया कि सड़क पर टिकट की घोषणा नहीं होती है सर्वे के बाद ही नाम फाइनल होगा। अब चौकसे की कार्यशैली यही रही तो यहां से राजू भदौरिया भी बड़े दावेदार के रूप में सामन आ सकते हैं, क्योंकि उन्होंने जिस तरह से चंदू शिंदे के खिलाफ पार्षद का चुनाव लड़ा, जेल गए फिर जमानत मिली और मुद्दे उठाए, उससे लोग उनके नाम की भी आवाज उठाने लगे हैं।



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