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BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 14 जनवरी शनिवार को आई एक तस्वीर को लेकर जबरदस्त चर्चा रही। तस्वीर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और दिग्विजय सिंह की भोपाल एयरपोर्ट पर एक दूसरे से मुलाकात की है। मौका था, जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव शरीर शनिवार को दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल पहुंचने का। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह सहित अन्य लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्टेट हैंगर की फोटो में सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह आपस में गहन विचार कर रहे हैं। भोपाल एयरपोर्ट की इस तस्वीर का आने वाले दिनों में सियासत में क्या असर दिखता है यह तो समय ही बताएगा।
पहले शिवराज-कमलनाथ की स्टेट हैंगर पर मुलाकात
दरअसल एक साल पहले राजगढ़ जिले में टेम और सुठालिया बांध के मुद्दे पर प्रभावित किसानों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने के लिए दिग्विजय सिंह सीएम हाउस के सामने धरने पर बैठे थे। वे कई दिनों से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे थे, लेकिन शिवराज उन्हें समय नहीं दे रहे थे। काफी मशक्कत के बाद उन्हें समय मिला भी, लेकिन शिवराज ने फिर मुलाकात रद्द कर दी। इसी बीच शिवराज की स्टेट हैंगर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात हो गई। दोनों के बीच करीब आधे घंटे बातचीत भी हुई। बाद में इसी मुद्दे पर दिग्विजय और कमलनाथ के बीच झड़प भी हुई थी। इस घटना के एक साल बाद माहौल पूरी तरह बदल चुका है।
इस बार शिवराज और दिग्विजय के बीच लंबी चर्चा
दरअसल, शनिवार सुबह समाजवादी नेता शरद यादव का पार्थिव शरीर दिल्ली से भोपाल आने वाला था। उन्हें श्रद्धांजलि देने कई लोग भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे थे। इनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी शामिल थे। दिल्ली से विमान आने में देर हुई तो दोनों वहीं लॉन में कुर्सी लगाकर बैठ गए। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
इस बातचीत के मायने कोई सियासी संकेत तो नहीं
जाहिर है, इस तस्वीर के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। जो शिवराज एक साल पहले दिग्विजय से मिलने तक को तैयार नहीं थे, वे उनसे अकेले में बातचीत कर रहे हों तो इसके सियासी संकेत तलाशना लाजिमी भी है। खासकर इसलिए भी कि प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। दूसरा कारण यह भी है कि बीते एक साल में जहां अपनी पार्टी में शिवराज की हालत थोड़ी डांवाडोल हुई है तो दूसरी ओर दिग्विजय और कमलनाथ के बीच दूरियों की खबरें जोर पकड़ रही हैं।
प्रदेश की राजनीति में बीजेपी-कांग्रेस दोनों पार्टियों को लेकर यह चर्चा आम है
1. बीजेपी में कई दिग्गज असुरक्षित महसूस कर रहे हैं
बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश में किसी नए चेहरे की तलाश में है। कहा जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की सरकार बनी तो सीएम पद से शिवराज की छुट्टी हो सकती है। यह भी चर्चा चल रही है कि विधानसभा चुनाव में गुजरात फार्मूला लागू करने के बहाने आने वाले दिनों में प्रदेश कैबिनेट में बदलाव किया जा सकता है। चुनाव के दौरान 30 से 40 फीसदी विधायकों के टिकट भी काटे जा सकते हैं। इनमें कई ऐसे मंत्री और विधायक भी शामिल हो सकते हैं जो शिवराज के करीबियों में गिने जाते हैं। कोई खुलकर बोल नहीं रहा, लेकिन शिवराज और उनके समर्थक इससे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
2. कांग्रेस में दिग्विजय समर्थकों का पत्ता कट सकता है
इधर, कांग्रेस में भी बड़े भाई-छोटे भाई के रूप में मशहूर कमलनाथ और दिग्विजय की जोड़ी में फूट की खबरें आ रही हैं। चुनाव से पहले कमलनाथ अपनी नई टीम का गठन कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसमें कई पार्टी पदाधिकारियों को उनके पदों से हटाया जा सकता है। इसमें दिग्विजय-समर्थकों का पत्ता कट सकता है। विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के गोपनीय सर्वे के आधार पर दिग्विजय-समर्थक कुछ विधायकों के टिकट काटे जाने की चर्चाएं हैं। एक कारण यह भी है कि चुनाव नजदीक आने के साथ कमलनाथ प्रदेश सरकार पर लगातार हमलावर हैं। गाहे-बगाहे उनके निशाने पर शिवराज होते हैं।