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योगेश राठौर, INDORE. इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने कहा है कि काम हो जाने के बाद टेंडर जारी कर भ्रष्टाचार करने की कोशिशों पर कांग्रेस की सक्रियता से पानी फिर गया। कांग्रेस के द्वारा 1 फरवरी को पकड़े गए भ्रष्टाचार के इस मामले में आज जाकर जोनल अधिकारी को निलंबित किया गया है। आगे भी कांग्रेस भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों का भंडाफोड़ जारी रखेगी।
इच्छुक ठेकेदारों से 2 फरवरी तक उनके ऑफर बुलवाए गए थे
चौकसे ने बताया कि 1 फरवरी को उन्होंने नगर निगम के यातायात विभाग के द्वारा निगम के जोन क्रमांक 1 के अंतर्गत आने वाले वार्ड क्रमांक 9 में कमला नेहरू कॉलोनी के गेट पर एसीपी शीट लगाने का टेंडर 19 जनवरी को जारी किए जाने का मामला उजागर किया था। इस टेंडर में इस कार्य की अनुमानित लागत 3.6 लाख रुपए बताई गई थी। इस कार्य को करने के इच्छुक ठेकेदारों से 2 फरवरी तक उनके ऑफर बुलवाए गए थे।
टेंडर जारी किए बगैर ही काम कराया जा चुका था
इस मामले में हकीकत यह थी कि यह काम निगम के अधिकारियों, सत्ताधारी दल के नेताओं और ठेकेदारों के गठबंधन के द्वारा टेंडर जारी किए बगैर ही कराया जा चुका था। यह कार्य पूर्ण होने के बाद 25 दिसंबर को इसका लोकार्पण समारोह भी आयोजित किया गया। इस लोकार्पण समारोह में पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे, पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता, एमआईसी सदस्य निरंजन सिंह चौहान व अश्विन शुक्ल और अन्य भाजपा नेताओं ने भाग लिया था। जब कार्य पूरा हो गया, उसका लोकार्पण हो गया उसके बाद में फिर टेंडर जारी किए जाने का क्या औचित्य था?
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मनमाफिक ठेकेदार से अपने रेट पर काम करवा लिया जाता है
चौकसे ने कहा कि इस तरह की घटना यह बताती है कि नगर निगम में भ्रष्टाचार की गंगा बहाने का काम चल रहा है। मनमाफिक ठेकेदार से अपने रेट पर काम करवा लिया जाता है। उसके बाद में टेंडर जारी कर मंजूर करने की औपचारिकता को पूर्ण किया जा रहा है। इस मामले में अब जाकर नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के द्वारा कार्यवाही की गई है। उनके द्वारा नगर निगम के जोनल अधिकारी अवधेश जैन और सहायक यंत्री दुबे को निलंबित करने तथा उनके खिलाफ विभागीय जांच करने का आदेश दिया गया है। यह घटना यह बताती है कि नगर निगम में कितने व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
बीजेपी नेताओं के दबाव में आकर गलत काम नहीं करें
चौकसे ने कहा कि ऐसे मामलों पर हमारी पूरी नजर है। भ्रष्टाचार के इस मामले को भी हमने ही उजागर किया था। आगे भी भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों का भंडाफोड़ हम करते रहेंगे। नगर निगम के अधिकारियों को चाहिए कि वह बीजेपी नेताओं के दबाव में इस तरह के गलत काम नहीं करें अन्यथा कार्रवाई के शिकार भी यह अधिकारी ही होंगे और जेल भी उन्हें जाना पड़ेगा।