News Strike : कांग्रेस की ‘उमा भारती’! कैसे अपने बयानों से पार्टी की मश्किल बढ़ाते हैं छोटे राजा?

कांग्रेस के पूर्व नेता और बीजेपी से भी जुड़े रहे नेता अपने विवादित बयानों से पार्टी की मुश्किलें बढ़ाते रहते हैं। उनके बयानों से मप्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी हैरान हो गए। इस बार उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे पूरी राजनीति में हलचल मच गई है।

author-image
Harish Divekar
New Update
news strike 30 august

Photograph: (The Sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

पॉलिटिकल पार्टीज में कुछ नेता ऐसे होते हैं जो अपनी ही पार्टी की नाक में दम करने में गुरेज नहीं करते। ऐसी ही एक नेता उमा भारती कही जा सकती हैं। जो बीजेपी में रहते हुए बीजेपी नेताओं को ही आड़े हाथों ले लेती हैं। उनके अलावा एक और ऐसे नेता हैं जिनका नाता कांग्रेस से रहा है और बीजेपी से भी रहा है।

हालांकि पार्टी उनसे किनारा कर चुकी है। उसके बावजूद नेताजी हैं कि मानने को तैयार नहीं है। सुर्खियों में बने रहने के लिए अक्सर ऐसे बयान दे देते हैं कि सारा फोकस उनकी तरफ घूम ही जाता है। एक बार फिर नेताजी ने फिल्मी स्टाइल में ऐसा बयान दिया है कि मप्र के दो पूर्व मुख्यमंत्री भी हक्के बक्के रह गए होंगे जिसमें से एक उनके भाई भी हैं।

मोहब्बत की दुनिया में एक फिल्मी डायलोग बड़ा फेमस है। डायलॉग फिल्म धड़कन का है और अदायगी सुनील शेट्टी की है। जो पूरे जज्बातों के साथ कहते हैं कि अंजली मैं तुम्हें भूल जाऊं, ये हो नहीं सकता और तुम मुझे भूल जाओ, ये मैं होने नहीं दूंगा।

कुछ इसी तरह के डायलॉग के साथ कांग्रेस के पुराने नेता रहे लक्ष्मण सिंह ने एक बार फिर पार्टी के साथ अपने प्यार का इजहार किया है। ये नेता हैं लक्ष्मण सिंह। जिन्हें कांग्रेस की उमा भारती कहें तो भी कुछ गलत नहीं होगा। जो अपने बयान से अपनी ही पार्टी की मुश्किलें बढ़ा देते हैं।

हालांकि उमा भारती का कद लक्ष्मण सिंह के कद से कहीं ज्यादा बड़ा है। लेकिन, इसमें कोई दो राय नहीं कि बयान देने के बाद लक्ष्मण सिंह को भी इग्नोर नहीं किया जा सकता। जिन्हें कुछ ही समय पहले कांग्रेस ने इन्हीं हरकतों के चलते निष्कासित भी कर दिया है।

ये भी पढ़ें... NEWS STRIKE: बार-बार दिल्ली क्यों जा रहे सीएम मोहन यादव? तीन मुद्दों पर अहम चर्चा जारी

बिन मांगे दे डाली दो पूर्व सीएम को सलाह

लक्ष्मण सिंह ने हाल ही में कहा कि भले ही आपने हमें दल से निकाल दिया है, लेकिन दिल से न हम आपको निकाल पाएंगे और ना ही आप हमें। इस बार लक्ष्मण सिंह ने अपने बड़े भाई दिग्विजय सिंह और कमलनाथ दोनों को बिना मांगे ही एक सलाह दे डाली है। सलाह भी फिल्मी और म्यूजिकल अंदाज में दी गई है।

आपको ये पता ही होगा कि पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने कमलनाथ सरकार गिरने के पीछे कुछ अंदरूनी राज खोले। जवाब में कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को ही सरकार गिरने का दोषी ठहराया। अब इस मामले में एंट्री लेते हुए लक्ष्मण सिंह ने फिल्मी गाना कोट करते हुए कहा कि छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी।

ये भी पढ़ें... News Strike: Kamalnath ने दिया Digvijay singh के दावे का जवाब, क्या दोनों नेताओं के बीच बढ़ेंगी दूरियां ?

हमेशा अपनाएं हैं अलग पैंतरे

राजनीति की दुनिया में लक्ष्मण सिंह भी बेहद दिलचस्प कैरेक्टर रहे हैं। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई होने के नाते छोटे राजा साहब के नाम से ही फेमस हैं। दोनों भाइयों का प्यार इतना प्रगाढ़ है कि दिग्विजय सिंह सरेआम बोल चुके हैं कि वो मेरे छोटे भाई हैं इसलिए हमेशा प्रिय रहेंगे। लेकिन पॉलिटिकल प्रतिबद्धता भी इतनी गहरी है कि दिग्विजय सिंह ये साफ कर चुके हैं कि वो सियासी तौर पर एक दूसरे के समर्थन करते रहें ये जरूरी नहीं है। और लक्ष्मण सिंह ने भी हमेशा अपने भाई से खुद को अलग साबित करने के लिए तरह तरह के पैंतरे अपनाएं हैं।

उनका पॉलिटिकल करियर कांग्रेस से ही शुरू हुआ था, लेकिन बीच में वो बीजेपी में चले गए और वहां से जीते भी। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में वो बीजेपी से सांसद बने। लेकिन अगला चुनाव हार भी गए और जनवरी 2013 में कांग्रेस में वापस आ गए। जुलाई 2010 में ही बीजेपी ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बाहर कर दिया था। तब लक्ष्मण सिंह ने नितिन गड़करी के खिलाफ पब्लिकली बयान दिया था।

जाहिर है बार-बार के शर्मनाक हालात से बचने के लिए बीजेपी ने उन्हें बाहर करना ही बेहतर समझा। लेकिन, लक्ष्मण सिंह कांग्रेस में रह कर भी ऐसा बार-बार करते रहे हैं। उनके ऐसे कई बयान हैं जब कांग्रेस उनके बयानों की वजह से विवादों के घेरे में आई। हम यहां चंद बयान बताकर उसकी एक बानगी भी पेश करते हैं।

लक्ष्मण सिंह के विवादित बयान

  • ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के एक बयान को लक्ष्मण सिंह ने सरेआम शर्मनाक बताया था।
  • दिसंबर 2023 को दिए एक बयान में लक्ष्ण सिंह ने कहा कि राहुल गांधी एक सामान्य पार्टी वर्कर और सांसद हैं। इससे ज्यादा वो कुछ नहीं है। उन्होंने मीडिया से भी कहा कि आप लोगों को राहुल गांधी को ज्यादा हाईलाइट नहीं करना चाहिए।
  • राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मुद्दे पर भी लक्ष्मण सिंह ने पार्टी से अलग जाकर अपना स्टैंड रखा था। लक्ष्मण सिंह ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता न स्वीकार करने के कांग्रेस के फैसले को गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि जब राजीव गांधी खुद चाहते थे कि मंदिर को खोला जाए तो अब उसे नकारने वाले कौन होते हैं। अगर हमारी लीडरशिप ऐसे एडवाइजर रखेगी तो नतीजे भी भुगतने पड़ेंगे।
  • सीएए यानी कि सिटिजनशिप अमेंडमेंड एक्ट पर भी लक्ष्मण सिंह ने अलग राय जाहिर करते हुए उसे एक्सेप्ट करने की सलाह दी थी।
  • 2019 में लक्ष्मण सिंह ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा था कि हम किसानों का कर्जमाफ करने का वादा पूरा नहीं कर सके। राहुल गांधी को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
  • मार्च 2022 में तो वो अपने ही भाई के खिलाफ धरने पर बैठे और चाचौड़ा को अलग जिला बनाने की मांग करने लगे। 

ये भी पढ़ें... News Strike: Jabalpur में सबसे बड़े फ्लाईओवर का विरोध क्यों, BJP के एक फैसले ने खोल दी अंदरूनी गुटबाजी की कलई!

कांग्रेस को करते रहे हैं लगातार असहज

ऐसे कितने ही बयान हैं जिनके जरिए लक्ष्मण सिंह कांग्रेस को लगातार असहज करते रहे। उनके बयानों का घड़ा इस साल जून माह में भरा। जब पहलगाम हमले के लिए उन्होंने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि वो आतंकियों से मिले हुए हैं। कांग्रेस को उनकी पार्टी से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।

इसके बाद उन पर डिसिप्लिनरी एक्शन लेते हुए कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए निष्कासित कर दिया। लेकिन, लक्ष्मण सिंह इतने पर ही नहीं रुके थे। उन्होंने मीडिया के सामने आकर निष्कासन पत्र फाड़ दिया और कहा कि देख लो राहुल गांधी, जिस तरह से तुमने मनमोहन सिंह का पत्र फाड़ा था उसी तरह से मैं भी फाड़ रहा हूं। तुम्हारे इस कागज से मैं कांग्रेस से बाहर नहीं हो जाऊंगा। मैं कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और कांग्रेसी रहूंगा। मैंने पांच बार लोकसभा और तीन बार विधानसभा का चुनाव जीता है। कई चुनौतियों का सामना किया है।

एक बार फिर लक्ष्मण सिंह कांग्रेस नेताओं पर दिए अपने फिल्मी बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। लेकिन ये समझना मुश्किल है कि उनके इस रवैये को क्या कहें रस्सी जल गई लेकिन बल नहीं गया या फिर कोई और मिसाल चुनें।

इस नियमित कॉलम न्यूज स्ट्राइक (News Strike) के लेखक हरीश दिवेकर (Harish Divekar) मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट केसाथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧

लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता न्यूज स्ट्राइक News Strike दिग्विजय सिंह उमा भारती हरीश दिवेकर HARISH DIVEKAR कमलनाथ