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बीजेपी में रहना है तो अपने साथी नेताओं को कुछ मत बोलिए। जनता को जितना मर्जी कोसिए। अपनी एक हालिया कार्रवाई से क्या बीजेपी संगठन अपने विधायकों को यही मैसेज देना चाहता है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने एक दो दिन पहले ही अपनी पार्टी के कुछ विधायकों से मुलाकात की है और उन्हें पार्टी के तौर तरीके और खासतौर से अनुशासन की याद दिलाई है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि जो मुलाकात अनुशासन का पाठ पढ़ाने के लिए थी। उसी बैठक में पार्टी के कुछ नेता नहीं पहुंचे। इस पूरी कवायद में पार्टी एक ऐसे विधायक को भूल गई जो सरेआम मतदाता को धमकाता है, उसे जेल भिजवाता है और फिर गलती भी नहीं मानता है। सुना है विधायक महोदय का संघ का बैकग्राउंड काफी सॉलिड है। क्या इसलिए संगठन भी उनसे खौफ खा रहा है।
बीजेपी ने अपनी ही पार्टी के चंद विधायकों की जमकर क्लास लगाई है। पार्टी ने ऐसे विधायकों को तलब किया जो गाहे बगाहे अपनी ही पार्टी के खिलाफ या अपनी ही पार्टी के दूसरे नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोल देते हैं। बीजेपी की अनुशासन विषय की इस क्लास के मास्टर थे पार्टी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा। क्लास में जिन विधायकों को हाजिरी लगाने के निर्देश मिले थे। उनमें विधायक प्रीतम लोधी और प्रदीप पटेल शामिल थे। इनके अलावा देवास की मेयर गीता अग्रवाल, सागर की मेयर संगीता सुशील तिवारी और सतना के पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा को भी तलब किया गया था।
पटेल आए तो लोधी रहे नदारद
दो विधायकों में से एक विधायक प्रीतम लोधी मास्टर साहब की इस क्लास में हाजिर ही नहीं हुए, हालांकि प्रतीप पटेल पहुंचे। चर्चा है कि उन्हें सख्त हिदायत भी दी गई, लेकिन प्रदीप पटेल ने अपने आने का कुछ और ही कारण बताया। पार्टी मुख्यालय आए प्रदीप पटेल ने कहा कि वो सामान्य चर्चा के लिए भोपाल आए थे। उन्होंने ये भी कहा कि वो अक्सर पार्टी कार्यालय आते जाते रहते हैं।
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दो में से एक ही महापौर पहुंची
दो महापौर में से एक महापौर ही इस क्लास में पहुंच पाईं। देवास की महापौर गीता अग्रवाल बैठक में शामिल नहीं हुईं। इसके बाद भी प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने ये डिटेल भी शेयर किए कि प्रीतम लोधी कहीं बाहर थे इसलिए नहीं आ सके। देवास की मेयर से फोन पर चर्चा हो गई। अपनी क्लास में वीडी शर्मा ने दोनों विधायकों को समझाइश दी है।
सागर की मेयर को नोटिस दिया है। इसके अलावा सतना के पूर्व जिलाध्यक्ष को पार्टी से निष्कासित ही कर दिया है। उन पर लगे आरोप भी गंभीर थे। उन पर अश्लील चैट करने, महिला से छेड़खानी करने और फिर जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगे थे। आरोप इतने संगीन थे कि उन पर कार्रवाई करना लाजमी भी था।
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लोधी ने चुना था विरोध दर्ज करने का अलग तरीका
प्रदीप पटेल और प्रीतम लोधी ने विरोध दर्ज करने का अलग तरीका चुना था। प्रदीप पटेल खुद ही अपनी गिरफ्तारी देने चले गए थे और प्रीतम लोधी ने भरी सभा में, मंत्री का नाम लिए बिना बयान दिया था। इन दोनों को अपने अपने तरीकों के लिए समझाईश दी गई है। बीजेपी संगठन ने ऐसे दो विधायकों को तो समझाइश देने के लिए तलब कर लिया जो अपनी ही सरकार को आंखें दिखा रहे थे। लेकिन, उस विधायक को तलब नहीं किया जिस पर वोटर यानी कि आम जनता को डराने धमकाने के आरोप लगे हैं।
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विधायक चंद्रवंशी ने सवाल पूछने वाले वोटर को धमकाया
हम बात कर रहे हैं काला पीपल के विधायक घनश्याम चंद्रवंशी की। चंद्रवंशी की मनमानी के बारे में हम आपको न्यूज स्ट्राइक के पिछले एपिसोड में बता चुके हैं। अगर आप नहीं पढ़ पाए तो इस लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं। आप इस आर्टिकल को पढ़कर समझ सकते हैं कि विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने कैसे अपने काम पर सवाल उठाने वाले एक वोटर को पहले धमकाया। इतना ही नहीं, जब उस वोटर ने धमकाने वाला ऑडियो वायरल कर दिया, तब उन्होंने उसके घर पुलिस ही भिजवा दी। मामला बड़ा संगीन है, लेकिन बीजेपी संगठन इस ओर से उदासीन है।
काला पीपल में विधायक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुआ है। लोगों ने नाराजगी जाहिर की है, लेकिन संगठन ने उन्हें बुलाना और समझाइश देना भी जरूरी नहीं समझा। उन्हें बख्श कर बीजेपी प्रदेश की जनता और जन प्रतिनिधियों को क्या संदेश देना चाह रही है। क्या बीजेपी का अपने विधायकों के लिए मैसेज ये है कि वो आम जनता को चाहें जितना डराएं और धमकाएं, लेकिन उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं कहना है।
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संघ के खास इसलिए नहीं कोई समझाईश
इस विधायक के बारे में ये भी मशहूर है कि वो संघ के खास हैं। क्या इसलिए बीजेपी संगठन उन्हें कुछ कहने से बच रहा है। क्या बीजेपी को ऐसा कोई डर है या झिझक है जो वो अपने ही विधायक को वॉर्न करने से कतरा रही है। ये बात केवल द सूत्र नहीं काला पीपल की जनता भी जानना चाहती है कि जब अनुशासन की क्लास लगी तो एक बड़बोले विधायक को क्यों छोड़ दिया गया। बीजेपी का सारा अनुशासन क्या सिर्फ पार्टी के भीतर ही सिस्टम बनाए रखने के लिए है। जो विधायक वोट देने वाली जनता को सवाल पूछने पर धमका सकता है। क्या बीजेपी अपने ऐसे विधायक पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। इस सवाल का जवाब तो जनता को मिलना ही चाहिए।
न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर | News Strike | News Strike Harish Divekar | बीजेपी विधायक घनश्याम चंद्रवंशी