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Photograph: (the sootr)
वक्फ कानून का क्या होगा। ये जानने के लिए फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार जारी है। पर, उससे पहले मध्यप्रदेश बीजेपी ने खास तैयारियां कर ली हैं। इन तैयारियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। उससे पहले आपको ये भी बता दें कि मध्य प्रदेश में भी वक्फ की संपत्ति कुछ कम नहीं है। मध्यप्रदेश के बड़े शहरों में वक्फ के पास ढेरों प्रॉपर्टी हैं। उन आंकड़ों को जानिए। बीजेपी की प्लानिंग को समझिए और फिर कमेंट सेक्शन में बताइए कि इस प्लानिंग पर आपकी क्या राय है। चलिए जानते हैं कि वक्फ कानून को लेकर प्रदेश बीजेपी की प्लानिंग क्या है।
सदन में वक्फ संशोधन बिल आने से लेकर उसके पास होने तक, ये मुद्दा बहस और विवादों में घिरा हुआ है। ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सर्वोच्च अदालत ने सरकार को इस पर जवाब देने के लिए कुछ दिन की मोहलत दी। इस बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर ऐसा बयान दिया जिसके बाद मामला और भी संजीदा हो गया है। फिलहाल वक्फ के मुद्दे पर आगे क्या होता है, ये अदालत के फैसले के बाद तय होगा। लेकिन, मध्य प्रदेश में बीजेपी ने वक्फ के मुद्दे को लेकर खास तैयारी शुरू कर दी है। मध्य प्रदेश बीजेपी ने तय किया है कि जिला, ब्लॉक स्तर से लेकर गांव और छोटे इलाकों तक के लोगों को इस कानून के फायदे बताए जाएंगे और जन जागरण के कार्यक्रम आयोजित होंगे।
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अलग-अलग जिलों में वर्कशॉप करेगी बीजेपी
बीजेपी इस बारे में पार्टी के मुस्लिम नेता और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की भी मदद लेगी। उन्हें प्रदेश के मुस्लिमों के बीच जाकर इस कानून के फायदे समझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी नेता अब फील्ड में जाएंगे और अल्पसंख्यकों को बताएंगे कि इस कानून से वक्फ की इनकम बढ़ेगी और उन्हीं का फायदा होगा। इस संबंध में अलग-अलग जिलों में वर्कशॉप्स भी होंगी।
एमपी में सबसे ज्यादा भोपाल में है वक्फ की प्रॉपर्टी
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के कई बड़े शहरों में वक्फ की संपत्ति है जिसमें मकानों की संख्या भी काफी ज्यादा बताई जाती है। मकानों के अलावा दरगाह, दुकानें और कब्रिस्तान भी वक्त की प्रॉपर्टी में ही शामिल होते हैं। प्रदेश में चल रहे 319 मदरसे और 53 स्कूल भी वक्फ की ही जागीर हैं। इसके अलावा भोपाल और इंदौर में एक-एक तालाब भी वक्फ की प्रॉपर्टी का ही हिस्सा हैं। वैसे वक्फ बोर्ड के पास कितनी जमीन कहां पर है। इसका कोई हिसाब नहीं था, लेकिन अब इसके लिए सेंट्रल डेटा बेस भी तैयार किया जा रहा है। 2025 तक इस डेटा बेस को अपडेट किया जा चुका है जिसके मुताबिक मध्यप्रदेश में वक्फ के पास 33532 अलग अलग प्रॉपर्टीज हैं जिसमें सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी भोपाल में ही है।
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यूपी में है 27 फीसदी हिस्सा
भोपाल के अलावा बहुत से आदिवासी शहर जैसे झाबुआ, मंडला, खरगोन, धार, बड़वानी, बैतूल, होशंगाबाद, उमरिया, अनूपपुर, सीधी, शहडोल, बालाघाट, हरदा और श्योपुर की बहुत सी संपत्ति वक्फ को दान में मिली बताई जाती है। अगर फिगर्स की बात करें तो झाबुआ में 120, मंडला में 117, शहडोल में 103, सीधी में 68, श्योपुर में 321, अनूपपुर में 19 और बालाघाट में 231 संपत्ति है। मध्य प्रदेश के अलावा बात करें तो वक्फ की सबसे ज्यादा जमीन उत्तर प्रदेश में ही है। देश की कुल संपत्ति का 27 फीसदी हिस्सा इसी प्रदेश में है। पंजाब और बंगाल में वक्फ की जमीन करीब 9 फीसदी है। तमिलनाडु में 8 और कर्नाटक में वक्फ की जमीन 7 फीसदी है। केरल, तेलंगाना और गुजरात ऐसे राज्य हैं जहां वक्फ की प्रॉपर्टी कुल 5 फीसदी के करीब है।
9.4 लाख एकड़ में फैली है वक्फ की जमीन
वक्फ के पास पूरे देश में या किसी भी शहर में कितनी प्रॉपर्टी है ये जानने के लिए आप WAQF ASSETS MANAGEMENT SYSTEM OF INDIA की वेबसाइट देख सकते हैं। इस वेबसाइट पर प्रदेश और शहर का नाम चुनकर आप उस जगह की वक्फ की संपत्ति की पूरी मालूमात हासिल कर सकते हैं। नेशनल लेवल की बात करें तो पूरे देश में वक्फ बोर्ड की जमीन 9.4 लाख एकड़ में फैली बताई जाती है। इन वक्फ की प्रॉपर्टी की कीमत आंकी जाए तो 1.2 लाख करोड़ रु. के आसपास की होती है। वक्फ की प्रॉपर्टी के बारे में ये दावा भी किया जाता है कि भारत के वक्फ बोर्ड के पास दुनिया के बाकी वक्फ के मुकाबले काफी ज्यादा होल्डिंग्स हैं। बात करें सिर्फ भारत की ही तो सशस्त्र बल और इंडियन रेलवे के बाद सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी वक्फ के ही पास है। आंकड़े बताते हैं कि देश में 8.7 लाख की बोर्ड की प्रॉपर्टीज में से 356051 वक्फ एस्टेट के नाम से रजिस्टर्ड है।
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वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर इसलिए उठते रहे हैं सवाल
वक्फ बोर्ड की संपत्ति को लेकर सवाल इसलिए उठते रहे हैं क्योंकि उनसे इतनी इनकम जनरेट नहीं हो पा रही जितनी होनी चाहिए। सच्चर समिति की साल 2006 की एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि अगर वक्फ की प्रॉपर्टीज का सही तरीके से उपयोग हो तो उनसे करीब 12 हजार करोड़ रुपये की इनकम जनरेट की जा सकती है। ऐसा ही कुछ दावा किया है डॉ. सनवर पटेल ने। सनवर पटेल मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हैं। इत्तेफाक से वो वक्फ बिल के खिलाफ नहीं हैं बल्कि सरकार के सुर से सुर मिला चुके हैं। इस बिल के सुर्खियों में आने के बाद सनवर पटेल भी मीडिया से मुखातिब हुए और कहा कि मध्यप्रदेश में वक्फ की नब्बे फीसदी प्रॉपर्टी पर मुस्लिम समाज के लोगों ने ही कब्जा किया हुआ है। उनका भी मानना है कि अवैध कब्जे की वजह से वक्फ की संपत्ति से इनकम जनरेटन नहीं हो पा रहीं। उन्होंने दावा किया कि भोपाल के प्लेटफॉर्म नंबर एक पास एक बड़ी सराय है, पर इस पर कब्जा हो चुका है। उन्होंने भोपाल टाकीज, मॉडल ग्राउंड जैसी कई जगहों का जिक्र किया, जहां वक्फ की संपत्ति पर कब्जा हो गया है, जिस वजह से बोर्ड को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने ये दावा भी किया कि वक्फ के पास प्रदेश में पांच हजार हैक्टेयर कृषि भूमि है। लेकिन, उसके भी बड़े हिस्से पर कब्जा हो चका है। सनवर पटेल का यहां तक मानना है कि वक्फ की सारी प्रॉपर्टी का ठीक तरह से इस्तेमाल हो तो सालाना एक या दो करोड़ की कमाई की जगह सौ करोड़ तक की कमाई हो सकती है।
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अगर आपने ये एनालिसिस ध्यान से पढ़ा है तो आप समझ ही गए होंगे कि वक्फ की प्रॉपर्टी का प्रदेश में क्या हाल है। खुद वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ही ये कहने पर मजबूर हैं कि वक्फ की संपत्ति पर कब्जा हो रहा है। ऐसे में क्या इन संपत्तियों पर चल रहा विवाद नहीं सुलझना चाहिए। आपका इस बारे में क्या सोचना है। कमेंट सेक्शन में कमेंट करके हमें जरूर बताएं।
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