News Strike: शिवराज की पदयात्रा की टाइमिंग पर सवाल, प्रदेश से प्यार या कांग्रेस पर वार ?

शिवराज सिंह चौहान की पदयात्रा मध्यप्रदेश से उनके प्रेम या कांग्रेस को चुनौती देने की रणनीति है। यह यात्रा सवाल खड़े करती है। उन्होंने विदिशा से अपनी मजबूत पैठ बनाए रखी है।

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Harish Divekar
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NEWS STRIKE 26 MAY

Photograph: (the sootr)

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शिवराज सिंह चौहान की पदयात्रा उनका मध्य प्रदेश से मोह है या फिर कांग्रेस की नई रणनीति की हवा निकालने के मकसद से ये यात्रा शुरू की गई है। शिवराज सिंह चौहान की यात्रा की टाइमिंग और उसका टारगेट बहुत सारे सवाल खड़े करता है। हो सकता है कि ये यात्रा उन पर ही भारी पड़ जाए और ये भी हो सकता है कि इस यात्रा के जरिए वो मध्य प्रदेश कांग्रेस को एक और बड़ा झटका दे जाएं। एक यात्रा के कई मायने हैं। चलिए एक के बाद एक समझते हैं यात्रा क्यों हो रही है और पांव पांव वाले भैया का फिर पांव पांव चलना किस मंजिल पर पहुंचाता है।

ऐसे मिली थी पांव पांव वाले भैया की पहचान

शिवराज सिंह चौहान को बहुत साल पहले ही पांव पांव वाले भैया की पहचान मिल गई थी। उन्होंने साल 1991 में पहली बार विदिशा संसदीय क्षेत्र में पदयात्रा की। तब से ही वो इस नाम से पहचाने जाते हैं। अब केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। केंद्र में उनके पास कृषि जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी है। उसके बाद भी शिवराज सिंह चौहान का विदिशा से प्यार कम नहीं हुआ है। वो एक बार फिर विदिशा वापसी कर चुके हैं। अपने परिवार के साथ वो फिर पांव पांव चलते हुए सड़क नाप रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान की यात्रा का खाका कुछ यूं है कि वो हफ्ते में दो दिन पद यात्रा करेंगे। इस दौरान बीस से पच्चीस किमी का फासला कवर करने का टारगेट रखा गया है। चलते-चलते शिवराज सिंह चौहान अपनी चिर परिचित शैली में आम लोगों से बातचीत भी करेंगे और केंद्र की अलग अलग योजनाओं की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाएंगे। पीएम आवास योजना, पीएम किसान सम्मान निधि, महिला सशक्तिकरण की योजनाएं, स्वास्थ्य, स्वछता, डिजिटल इंडिया जैसी जितनी भी योजनाएं है शिवराज सिंह चौहान उनके बारे में लोगों से पूछेंगे। आम लोगों तक इन योजनाओं का कितना लाभ पहुंच रहा है ये भी जानेंगे। उनकी यात्रा में ज्यादा ज्यादा किसान संगठन, महिला स्वसहायता समूहों को शामिल करने की कोशिश भी जारी है।

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पदयात्रा में दिख रहा शिवराज का परिवार

उनकी पदयात्रा की शुरुआत 25 मई को सीहोर के लाड़कुई भादाकुई गांव से हुई है। पहले उन्होंने किसानों से बातचीत की। लोगों ने उनका जमकर इस्तकबाल भी किया। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान की परिवार के साथ नाचते हुए भी कुछ तस्वीरें देखी गईं। उनके साथ उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और नई नवेली बहू अमानत भी नजर आई। सबसे खास बात ये है कि शिवराज सिंह चौहान ने अपनी यात्रा में ऑपरेशन सिंदूर का भी जम कर बखान किया है।

पूरे दमखम से वापसी करते दिख रहे हैं शिवराज

बंपर जीत के बाद भी मध्य प्रदेश की सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद शिवराज सिंह चौहान पूरे दमखम से प्रदेश में वापसी करते दिख रहे हैं। ये तो आपने नोटिस किया ही होगा कि हर पुरानी योजना और पुराने हॉर्डिंग से शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर पूरी तरह गायब हो चुकी हैं। नए पोस्टर और बैनर देखकर लगता ही नहीं कि शिवराज सिंह चौहान ने ही अभी चल रही कुछ कामयाब योजनाओं का आगाज किया था। मुखिया की कुर्सी चुनने के बाद पार्टी ने उन्हें दक्षिण भारत भेजने की तैयारी पूरी कर ली थी, लेकिन बीच में ही कोई जादू की छड़ी घूमी और शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय कृषि मंत्री बना दिए गए। एक बात तो तय थी कि भले ही शिवराज सिंह चौहान की गाड़ी दक्षिण भारत जाते जाते दिल्ली की तरफ मुड़ गई हो, लेकिन प्रदेश में वापसी लगभग नामुमकिन थी। इस बात को ज्यादा समय नहीं बीता है और, अब शिवराज सिंह चौहान पूरा प्रदेश नापने की प्लानिंग के साथ एमपी में लौट आए हैं।

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पदयात्रा के असली मायने क्या?

ये तो साफ समझा जा सकता है कि मोदी सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करना पदयात्रा का उद्देश्य बताया जा रहा है। लेकिन, इस पूरी कवायद के असली मायने कुछ और ही हैं। क्या ये पूर्व सीएम का मध्यप्रदेश से मोह है जो उन्हें यहां से बाहर जाने ही नहीं देता। मोह तो है, इससे कोई इंकार नहीं किया जा सकता। पर इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि इस पदयात्रा का प्लानिंग से पहले संघ और आलाकमान से इजाजत जरूर ली गई होगी। उसके बाद ही वो इतने जोर शोर से अपने पांव पांव वाले भैया की इमेज को कैश करवा रहे हैं।

कहीं यह तो नहीं है हिडन एजेंडा

इस यात्रा का हिडन एजेंडा भी है जिसे समझने के लिए आपको कांग्रेस की नई प्लानिंग से कनेक्ट करना होगा। आपको याद होगा हमने पिछले न्यूज स्ट्राइक में बताया था कि कांग्रेस अब जिला लेवल पर नेटवर्क स्ट्रॉन्ग करने पर काम कर रही है। इस प्लानिंग की शुरुआत भी विदिशा से ही होनी है। जहां कांग्रेस पंचायत स्तर तक नए लोगों को जोड़ेगी। पुराने कांग्रेस नेताओं और उनके परिवारों को तलाश कर उन्हें मेन स्ट्रीम में लाया जाएगा। विदिशा को कांग्रेस ने एक मॉडल के रूप में चुना है। अगर पार्टी की प्लानिंग विदिशा में कामयाब होती है तो फिर उसी तरह से पूरे प्रदेश में उस योजना पर अमल होगा।

कांग्रेस की इस प्लानिंग के बीच शिवराज सिंह चौहान की पदयात्रा का शुरू होना क्या महज इत्तेफाक है। शायद नहीं। हमारा मानना है कि ये बीजेपी की सोची समझी प्लानिंग है। सीहोर से होते हुए शिवराज सिंह चौहान की यात्रा यकीनन विदिशा में होगी और यहां तगड़ा इम्पैक्ट भी डालेगी। इसमें भी कोई शक नहीं कि शिवराज सिंह चौहान की पॉपुलेरिटी आज भी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। ऐसे में शिवराज सिंह की मौजूदगी का असर कांग्रेस की प्लानिंग पर जरूर पड़ेगा और कांग्रेस के मॉडल प्रोजेक्ट की पूरी तरह हवा ही निकल जाए तो भी कोई ताज्जुब नहीं होगा।

News Strike Harish Divekar | न्यूज स्ट्राइक हरीश दिवेकर 

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