उत्तर छत्तीसगढ़ के दौरे से लौटे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण क्यों कह रहे हैं - “सरगुजा में सफलता तय” प्रत्याशियों को लेकर दिए गंभीर

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Jitendra Shrivastava
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उत्तर छत्तीसगढ़ के दौरे से लौटे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण क्यों कह रहे हैं - “सरगुजा में सफलता तय” प्रत्याशियों को लेकर दिए गंभीर

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. अंबिकापुर से निकलते हुए प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव खासे उत्साहित है। एक सामाजिक सम्मेलन में भाग लेने के बाद दो दिन उन्होंने इस इलाके में खुद को खपाया। अभाविप की नर्सरी से निकले अरुण साव दो दिनों तक शक्ति केंद्रों से लेकर बूथ तक की जिसे पन्ना समिति कहा जाता है, उनकी बैठक और संपर्क में जुटे रहे। सिंहदेव के गढ़ में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का कैंप बहुत व्यापक प्रचार के साथ नहीं था, बताया गया कि वे खुद ऐसा चाहते थे। लेकिन दौरे से वे उत्साहित हैं, उन्होंने कहा “उत्तर छत्तीसगढ़ के इस इलाके में जिसे आप अविभाजित सरगुजा भी कह सकते हैं, बीजेपी की आशातीत सफलता तय है।”



मन टटोला, मानस बनाया साव ने



दो दिनों के सघन दौरे में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव का दौरा केवल बैठकों पर केंद्रित नहीं था। पंथ पर बढ़े चलो संगठन गढ़े चलो वाला बोध गीत गुनगुनाते अरुण साव उन पुराने साथियों से मिले हैं, जिन्हें बीजेपी के आधारभूत कार्यकर्ताओं के रुप में जाना जाता है। ये वो कार्यकर्ता हैं जिनकी उपेक्षा का दंश चुनाव में भुगतना पड़ा था।इन मुलाक़ातों में जो मीडिया के प्रचार प्रसार से बिलकुल दूर थीं, अरुण साव ने पहले मन टटोला, उदासी नाराजगी दूर की और मानस बनाया।



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गढ़ केसरिया करने की कवायद



परंपरागत रुप से कांग्रेस का अभेद किला माने जाने वाला अविभाजित सरगुजा में एक दौर ऐसा भी था कि यह इलाका बीजेपी के गढ़ के रूप में पहचान बना गया था। 2003 में कांग्रेस को एक सीतापुर छोड़ कहीं से कोई सीट नहीं मिली। यह कर्रा सूखा टूटा 2018 में, जब बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया। घोषणा पत्र ने ईव्हीएम में कांग्रेस की आंधी बाढ़ ला दी। हालांकि इस इलाके में कांग्रेस की बंफर सफलता के पीछे मतदाताओं को दिलाया गया वह भरोसा भी था जिसमें उन्हें यकीन दिलाया गया था कि, बाजरिया कांग्रेस वे स्थानीय टीएस सिंहदेव को सीएम बना रहे हैं। इसके अलावा पंद्रह साल के बीजेपी दौर में जो लोग सत्ता और संगठन पर काबिज रहे और जिस तरह चलायमान रहे, वह विषय तो खैर “मसला” था ही। सच्चिदानंद उपासने को जब कमान मिली तो उन्होंने संभालने की कोशिश भी की, लेकिन ना हालात सम्हले और ना कार्यकर्ताओं का गुस्सा थमा।



प्रत्याशी को लेकर क्या कहा अरुण साव ने



उत्तर छत्तीसगढ़ में दौरे के दौरान जिसके केंद्र में अविभाजित सरगुजा था। उस दौरे की समाप्ति के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने द सूत्र से कहा “प्रत्याशी वह होगा जो कार्यकर्ताओं की पसंद हो और बिलाशक बीजेपी संगठन को नख से शिख तक जानता हो, उसे अनुभूति ही नहीं, उसमें समाहित रहा हो, उसे जनता की पसंद कहा जा सके।” यह सीधी मगर गहरी बात है। बीजेपी जो इस समय संघर्ष काल में है, उसे वह भूल दोहरानी ही नहीं है जो लोकसभा चुनाव तक भले कम रही लेकिन दोहराई गई।कार्यकर्ताओं का दल, कार्यकर्ता ही नेता, बीजेपी संगठन का यही मूल मंत्र है।जिससे बीजेपी डिगी थी।



सिंहदेव समर्थकों की नाराजगी, बोनस प्वाइंट



उत्तर छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव का प्रभाव है। चुनाव के करीब आते दिनों के साथ-साथ उनके समर्थकों में सिंहदेव के प्रति हो रहे व्यवहार को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सियासत में सधे पगे अरुण साव इसे कुछ यूं कहते हैं “लोगों ने वोट दिया, कम से कम उत्तरी छत्तीसगढ़ में तो उस वादे पर जो पूरा हुआ नहीं, लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। यह भी छुपा नहीं है कि, विकास कार्य तक ठप्प हैं। सवाल मतदाता के मन में है कि आख़िर ऐसा क्यों हुआ। नाराजगी आक्रोश ठगे जाने का मसला तीनों मौजूद है।बीजेपी के लिए यह बोनस है।”


MP News प्रत्याशियों को लेकर दिए गंभीर संकेत अरुण ने कहा सरगुजा में सफलता तय उत्तर छत्तीसगढ़ से लौटे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष छत्तीसगढ़ में बीजेपी में उत्साह gave serious indications about candidates Arun said success is certain in Surguja BJP state president returned from North Chhattisgarh Enthusiasm in BJP in Chhattisgarh एमपी न्यूज
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