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CHHTARPUR. कांग्रेस के ही कुछ लोगों का कहना है कि यह पत्र छतरपुर विधानसभा में आलोक चतुर्वेदी की दावेदारी को कमजोर करने और उन्हें भाजपा से निकट बताने की कोशिश करते हुए कांग्रेसियों के द्वारा ही चोरी से जारी कराया गया है।
भाजपा की नीतियों से हो रहे बुन्देलखण्ड के विकास का मुद्दा उठाया
छतरपुर जिले के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के द्वारा कथित रूप से जारी किया गया एक पत्र वायरल हो गया। इस पत्र में कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए भाजपा की नीतियों से हो रहे बुन्देलखण्ड के विकास का मुद्दा उठाया गया और आलोक चतुर्वेदी की ओर से पृथक बुन्देलखण्ड बनाने के लिए प्रधानमंत्री से मांग की गई।
विधायक ने किया खंडन
पत्र वायरल होते ही विधायक आलोक चतुर्वेदी ने इसका खण्डन करते हुए अपनी सफाई में एक पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही इस तरह के छल कपट लगातार किए जा रहे हैं। इस पत्र के जरिये उनकी कांग्रेस की निष्ठाओं पर सवाल उठाए जा रहे हैं जो कि गलत है। यह पत्र पूर्णत: फर्जी है। उन्होंने कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह पत्र नहीं लिखा न ही इस विषय में कोई मांग की है। उन्होंने जनता से अपील की है कि इस तरह के फर्जी पत्रों से सतर्क रहें।
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कांग्रेस के संगठन में ही चल रहा कलह
विधायक के नाम से जारी किए गए इस पत्र की सच्चाई क्या है यह फिलहाल जांच का विषय है लेकिन कांग्रेस के संगठन में अंदर ही अंदर एक कलह सुलग रहा है जिसके कारण इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। राजनीति से जुड़े कांग्रेस के ही कुछ लोगों का कहना है कि यह पत्र छतरपुर विधानसभा में आलोक चतुर्वेदी की दावेदारी को कमजोर करने और उन्हें भाजपा से निकट बताने की कोशिश करते हुए कांग्रेसियों के द्वारा ही चोरी से जारी कराया गया है। बहरहाल इस मामले में विधायक ने पुलिस प्रशासन से भी जांच करने की बात कही है। गौरतलब है कि जिले में तीन विधानसभा सीटों पर मौजूद कांग्रेस विधायकों के विरुद्ध कई प्रतिद्वंदी भी सामने आ रहे हैं। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखन पटेल और विधायकों के बीच चल रही अनबन भी कांग्रेस में कलह की बड़ी वजह है।