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BHOPAL. देश में जहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है वहां पर सड़क और शहर के नाम बदले जा रहे थे। इसके उदाहरण हमें यूपी और अन्य कई प्रदेशों में देखने को मिले हैं। मध्यप्रदेश में भी शहरों के साथ-साथ कॉलोनियों के नाम भी बदले गए हैं। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा में दो पार्कों के नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नाम से थे उन्हें अब बदलकर प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह के दोनों पुत्रों कार्तिकेय और कुणाल के नाम से कर दिए गए हैं। इसको लेकर पूरे प्रदेश में सियासी भूचाल आ गया है।
नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने जताई आपत्ति
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में नेहरू पार्क का नाम बदलकर उनके पुत्र कार्तिकेय के नाम पर किए जाने पर अपनी आपत्ति दर्ज की है। अजयसिंह ने कहा कि बीजेपी सरकार पूरे देश में इतिहास के उन महापुरुषों का नाम मिटा रही है जिनका देश को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान है। नेहरू पार्क का नाम बदलकर कार्तिकेय पार्क किया जाना इसी कड़ी का एक हिस्सा है।
पंडित नेहरू के योगदान के आगे कार्तिकेय कहां खड़े हैंः अजय सिंह
अजयसिंह ने कहा कि भारत को आजाद कराने और देश के नव निर्माण में पंडित नेहरू के योगदान के आगे कार्तिकेय कहां खड़े हैं? क्या वे नेहरू से भी बड़े हो गए हैं? क्या बुधनी की जनता को अंतर्मन से यह बात स्वीकार्य होगी? यदि नगरपालिका ने यह कार्य चापलूसी में किया है तो शिवराज सिंह को हस्तक्षेप करना चाहिए था और नेहरू का नाम हटाने से रोकना चाहिए था। उन्होंने कहा कि पार्क, चौराहों, सड़कों और भवनों आदि के नामकरण उन महापुरुष, समाजसेवी या विभूतियों के नाम पर किए जाते हैं जो इस दुनिया में नहीं हैं। नामकरण के बहाने उनके योगदान को चिरस्थायी बनाया जाता है। लेकिन अब एक नई परम्परा शुरू हो गई है। बुधनी का एक अन्य पार्क भी मुख्यमंत्री के दूसरे बेटे कुणाल के नाम पर रखा गया है। शिवराजसिंह जी कृपया कुणाल के योगदान के बारे में भी जनता को बताएं।
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दिल्ली में बने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लायब्रेरी का नाम भी बदला
अजयसिंह ने कहा कि देश में धीरे-धीरे इतिहास में नाम कमाने वाले महापुरुषों के नामों को हटाने का काम किया जा रहा है। ये कार्य वे लोग कर रहे हैं जिनका खुद का कोई इतिहास नहीं है। उन्होंने कि अहमदाबाद के सरदार वल्लभ भाई पटेल स्टेडियम का नाम बदला गया। नेहरू के नाम पर दिल्ली में बने नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लायब्रेरी का नाम भी अभी हाल ही में बदल दिया गया। भाजपा सरकार का यह प्रयास उसे उल्टा पड़ेगा। अगले चुनावों में नाराज जनता ऐसे लोगों को आईना दिखा देगी।