भोपाल. बीजेपी में शामिल होने की कन्फर्म इनपुट के साथ कमलनाथ को लेकर खबरों का बाजार गर्म है। राजनीतिक गलियारों में हर तरफ पूर्व सीएम कमलनाथ का नाम ही सुनाई दे रहा है। कांग्रेस के पूर्व सीएम रहे कमलनाथ को इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहा जाता था। संजय गांधी, राजीव गांधी के बराबर ही इंदिरा गांधी का तीसरा बेटा कहलाए जाने के पीछे की कहानी बहुत ही दिलचस्प और कुछ हद तक खतरनाक कदम उठाने वाली भी है। कमलनाथ कैसे बने इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे और उन्होंने कितनी बड़ी रिस्क ली थी, आइए आपको बताते हैं विस्तार से।
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अपनी किताब अनटोल्ड स्टोरी में पत्रकार विनोद मेहता लिखते हैं कि यूथ कांग्रेस के दिनों में संजय गांधी ने पश्चिम बंगाल में कमलनाथ को सिद्धार्थ शंकर रे और प्रिय रंजन दासमुंशी को टक्कर देने के लिए उतारा था। यूथ कांग्रेस के दिनों से शुरू हुई ये दोस्ती आगे बढ़ती गई। इसमें महत्वपूर्ण मोड़ आया इमरजेंसी खत्म होने के तुरंत बाद। दरअसल, हुआ ये था कि देश में आपातकाल खत्म होने के बाद संजय गांधी गिरफ्तार किए गए। संजय को कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया। यही वो घड़ी थी, जब कमलनाथ सच में संजय के दोस्त बनकर सामने आए।
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हुआ ये था कि संजय गांधी को जेल हो जाने पर वो तिहाड़ में अकेले रहते। गांधी परिवार को शक था कि संजय के साथ कोई अनहोनी न हो जाए। यही बात कमलनाथ को भी लग रही होगी। यही वजह है कि जब कोर्ट ने संजय को जेल भेजा तो बताया जाता है कि कमलनाथ ने कोर्ट के फैसले का मौके पर ही विरोध किया और कोर्ट के साथ कहा जाए तो सही व्यवहार नहीं किया। इससे कोर्ट नाराज को गया और कोर्ट ने मौके पर ही कमलनाथ को सजा सुना दी। सजा यह थी कि संजय के साथ ही कमलनाथ को भी तिहाड़ जेल भेजा जाए। इस तरह सबसे ज्यादा संकट के समय कमलनाथ गांधी परिवार के साथ न केवल खड़े रहे, बल्कि वो संजय के साथ जेल तक गए। KamalNath | Indira Gandhis