Gen Z Love Life: जेन-जी कैसे हो रहा है डोपामाइन एडिक्शन का शिकार, क्यों बढ़ रही इनसिक्योरिटी?

Gen Z के लिए सोशल मीडिया पर रिलेशनशिप दिखाना अब जरूरी हो गया है। इनपर ऑनलाइन अप्रूवल, कपल्स गोल्स का दबाव है। यह मेंटल हेल्थ, वास्तविक बॉन्डिंग बिगाड़ रहा है।

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Kaushiki
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Gen Z Love Life
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Gen Z Love Life: आज हम बात करेंगे Gen Z की लव लाइफ की। आजकल की जेनरेशन के लिए प्यार सिर्फ दो लोगों के बीच का इमोशनल बॉन्ड नहीं रहा। अब ये ऑनलाइन अप्रूवल और डिजिटल डिस्प्ले का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है।

आपका रिलेशनशिप स्टेटस क्या है ये आपके प्रोफाइल से सबको पता चलता है। सोशल मीडिया पर कपल्स गोल्स नाम का एक जबरदस्त प्रेशर बन गया है। चलिए जानें क्या है ये...

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कपल गोल्स

आजकल प्यार का शो-ऑफ करना एक नया ट्रेंड बन गया है। जेन-Z अपनी रिलेशनशिप को सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखाने की होड़ में लगा रहता है। हर डेट, हर गिफ्ट या वेकेशन की स्टोरी और रील बनना जरूरी है।

लोग सिर्फ रियल लाइफ में नहीं, बल्कि डिजिटल लाइफ में भी अप्रूव्ड फील करना चाहते हैं। यह सब लाइक्स, कमेंट्स और शेयर्स पर निर्भर करता है।

पब्लिक डिस्प्ले ऑफ अफेक्शन अब ऑनलाइन PDA बन गया है। रिलेशनशिप की वैल्यू अब इस बात से तय हो रही है कि आपको कितने कपल गोल्स के कमेंट मिले। कई बार यह परफेक्ट इमेज बनाने का दबाव असली रिश्ते को खोखला कर देता है।

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ऑनलाइन अप्रूवल का मेंटल प्रेशर

सोशल मीडिया पर मिलने वाला ऑनलाइन अप्रूवल Gen-Z के लिए एक एडिक्शन जैसा है। Psychologists मानते हैं कि ये लाइक्स और कमेंट्स डोपामाइन को बढ़ाते हैं। 

अगर पोस्ट पर कम लाइक्स आए, तो इनसिक्योरिटी फील होती है। कई कपल्स सिर्फ दूसरों को दिखाने के लिए फोटोशूट और महंगे गिफ्ट्स प्लान करते हैं।

ये जेनुइन खुशी को कम करके एक्सटर्नल वेलिडेशन पर ज्यादा जोर देता है। आइडियल कपल्स की अनरियलिस्टिक तस्वीरें खुद की रिलेशनशिप पर शक पैदा करती हैं। यह दबाव रिलेशनशिप एन्जॉय करने के बजाय, उसे परफॉर्म करने पर मजबूर करता है।

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वर्चुअल बनाम रियल बॉन्डिंग

असली चुनौती तब आती है, जब वर्चुअल रिलेशनशिप और रियल रिलेशनशिप के बीच का अंतर मिटने लगता है। युवा क्वालिटी टाइम बिताने के बजाय परफेक्ट कंटेंट बनाने में लगे रहते हैं।

कैमरा बंद होते ही छोटी-छोटी बातें और कम्युनिकेशन गैप बढ़ने लगता है। सोशल मीडिया पर सब ठीक दिखता है, लेकिन असल में रिश्तों में दरार आने लगती है।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि रियल बॉन्डिंग के लिए स्क्रीन टाइम कम करना बहुत जरूरी है। विश्वास, ईमानदारी और आपसी समझ ही किसी रिश्ते को मजबूत बनाते हैं, लाइक्स नहीं।

तो अगली बार अपनी रिलेशनशिप को पब्लिक करने से पहले, ये जरूर सोचें कि आप किसके लिए जी रहे हैं। अपने पार्टनर के लिए या अपने फॉलोअर्स के लिए?

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में दी गई जानकारी पूरी तरह से सही या सटीक होने का हम कोई दावा नहीं करते हैं। ज्यादा और सही डिटेल्स के लिए, हमेशा उस फील्ड के एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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