इन दिनों छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में बहुत गर्माहट है। एक ओहदेदार साहब की मेडम के दिल की धड़कन बढ़ी हुई है, न जाने कब पेन ड्राइव मिल जाएगी और उनका राज़ फाश हो जाएगा और पर्दा जो हट गया तो भेद खुल जायेगा।
वहीं एक मंत्री जी टी पार्टी बहुत चर्चा में है। आखिर बेमौसम अचानक क्यों हुई टी पार्टी। प्रदेश के राजनीतिक प्रशासनिक गलियारों की अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
मेडम जी को भारी पड़े महंगे शौक
हाई प्रोफाइल सोसाइटी की मेडम को अपने महंगे_महंगे शौक बहुत भारी पड़ गए। अब मेडमजी मुश्किल में हैं। हालात ये हैं कि मेडम की जान पर बन आई है। एक युवा ठेकेदार की आत्महत्या के तार मेडम से जुड़ रहे हैं। मेडम के पति बड़े अफसर हैं इसलिए उनके महंगे शौक हैं।
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इन शौक को पूरा करने के लिए मेडम ने हाईक्लास दोस्त को चुना। यह दोस्त मेडम से इतना परेशान हो गया कि उसने आत्महत्या कर ली। इस मिस्ट्री के राज एक पेन ड्राइव में बंद हैं। लेकिन यह पेन ड्राइव पुलिस के हाथ अब तक नहीं लगी है। इस पेन ड्राइव में वे सारे राज बंद हैँ जो मेडम को बेनकाब कर सकते हैं। इसीलिए यहां पर स्थिति है कि पर्दे में रहने दो,पर्दा न उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा।
मंत्रीजी की टी पार्टी की चर्चा
एक मंत्रीजी की टी पार्टी बहुत चर्चा में है। चर्चा इस बात की है कि आखिर इस बेमौसम हुई टी पार्टी की जरुरत क्या थी। यह टी पार्टी मीडिया जगत के लोगों के लिए थी। इस हाई टी में इतनी भीड़ थी कि कुछ वरिष्ठ लोग असहज हो गए और नजारा देखकर गेट से ही वापस हो गए। जो अंदर तक आए वे भी हाय हैलो कर चल दिए।
मंत्रीजी से जुड़े लोग बताते हैं कि दरअसल यह पार्टी इसलिए भी दी गई थी कि सरकार के दिन अच्छे नहीं चल रहे हैं। प्रदेश में एक के बाद एक हुई घटनाओं ने सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। इस पार्टी के जरिए हालातों को सहज करने की कोशिश की गई है।
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तवज्जो न मिलने से नाराज नेताजी
प्रदेश के नेता तवज्जो न मिलने से परेशान हैं। दरअसल ये पूरा मसला प्रोटोकॉल से जुड़ा हुआ है। हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यक्रम में एक नेताजी को तवज्जो नहीं दी गई। प्रोटोकॉल के हिसाब से उस कार्यक्रम के आमंत्रण में उनका हक बनता था। लेकिन इन्वीटेशन में उनका नाम तक शामिल नहीं था।
नेताजी को यह बात हजम नहीं हुई और वे गुस्सा हो गए। नेताजी उस कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हुए। दूसरा मामला मंत्रीजी से जुड़ा हुआ है। राष्ट्रपति के दौरे के दौरान एक मंत्रीजी की नाक नीची हो गई। इनके साथ भी मसला प्रोटोकॉल से ही जुड़ा हुआ था। इनका नाम भी प्रोटोकॉल लिस्ट में शामिल नहीं था। मंत्रीजी ने नाराजगी में कलेक्टर की क्लास लगा दी। कलेक्टर ने मंत्रीजी को मनाया और बाद में उनका नाम भी कार्यक्रम में शामिल किया गया।
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दिल के अरमां आंसुओं में बह गए
कोल घोटाले में जेल में बंद एक मेडम के दिल के अरमां आंसुओं में बह गए। मेडम पर केस पर केस लाद दिए गए हैं। लेकिन गीता का ज्ञान है कि जैसे करम करेगा वैसे फल देगा भगवान। जैसे तैसे मेडम की जमानत मंजूर हुई थी, इससे पहले कि वे जेल से बाहर आकर खुली हवा में सांस लेती कि उन पर दूसरा केस लग गया।
अब एक में जमानत और दूसरे में जेल, लिहाजा उनकी वापसी का रास्ता बंद हो गया। इस बात से मेडम इतनी दुखी हुई कि उन्होंने ठान लिया कि ठीक है जितना प्रताड़ित करना है कर लो,वे एक साल और जेल में गुजार लेंगी। लेकिन यह कहते हुए उनकी आंखों से आंसू टपक गए।