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रायपुर. रामा बिल्डर्स का कारनामा तो सबको पता है। सरकारी जमीन का आवंटन और उस पर कॉलोनी काटने की तैयारी। यह बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री की ही फर्म है यह बात भी निकल पड़ी। लेकिन इससे बड़ी बात यह है कि इस कारनामें में विष्णु के एक डैशिंग और हैंडसम मंत्री का भी हाथ है। अब उनका नाम लीक हुआ है तो वे मुश्किल में पड़ गए हैं आखिर इस बला को कैसे टाला जाए। वहीं सीएम के संवाद की भी खूब चर्चा है। अब दूसरे राज्य के मंत्री और प्रदेश में बड़ा प्रभाव रखने वाले नेताजी सीएम को संवाद की कला सिखाएंगे। छत्तीसगढ़ की ऐसी ही अनसुनी प्रशासनिक और राजनीतिक खबरों के लिए पढ़िए द सूत्र का साप्ताहिक कॉलम सिंहासन छत्तीसी।
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रामा की कारस्तानी,विष्णु के मंत्री की मेहरबानी
रामा की कारस्तानी इन दिनों छत्तीसगढ़ के लोगों की जुबान पर है। हम बात कर रहे हैं रामा बिल्डर्स की। ये वही रामा बिल्डर हैं जिन्होंने सरकारी जमीन पर कालोनी काटने की तैयारी कर ली थी। वो भी उस जमीन पर जहां कॉलेज बनना था यानी कॉलेज के लिए आरक्षित की गई थी। भला हो बीजेपी के उन विधायक का जिन्होंने सीएम को यह सारी बात बता दी। और मामला अटक गया।
अब इतना बड़ा कमाल अकेले रामा बिल्डर्स के बस की बात तो नहीं है। इसमें कुछ और लोग शामिल हैं जो प्रभावशाली हैं। रामा बिल्डर्स बीजेपी के बड़े नेता और पूर्व मंत्री के बेहद करीबी माने जाते हैं। कहा तो यह भी जाता है कि यह कंपनी उन नेताजी की ही है लेकिन चलाते उनके करीबी हैं। बात इतनी होती वहां तक भी ठीक थी। लेकिन इसमें एक और कमाल है। रामा पर विष्णु के एक बड़े मंत्री का हाथ है।
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मंत्रीजी की मिली भगत से ही यह पूरा खेल हुआ जिसमें रामा बिल्डर्स को सरकारी जमीन आवंटित कर दी गई। रामा बिल्डर्स को भी क्या डर था,जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का। उसने भी कालोनी काटने की तैयारी कर ली। अब जब बात लीक हुई तो एक सिरा मंत्रीजी तक पहुंच गया। अब मंत्रीजी सांसत में हैं।
इस जमीन का आवंटन बीजेपी सरकार बनने के बाद हुआ था। यह मामला जून 2024 का था। जब मंत्रीजी भी नए नए थे और उनकी तूती भी बोल रही थी। तब क्या पता था कि मामला इतना बढ़ जाएगा और उनके नाम लीक हो जाएगा। मंत्रीजी मामला निपटाने में लगे हैं और उनके दुश्मन मामले को उछालने में। अब आगे आगे देखिए क्या होता है। ये मंत्रीजी टॉप 4 मंत्रियों में शुमार हैं।
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नेताजी दुरुस्त करेंगे विष्णु का संवाद
विष्णुदेव साय जब से सीएम बने हैं तब से उनकी मीडिया से दूरी होती जा रही है। एक साल की प्रेस कान्फ्रेंस भी ऐसी रही मानो विष्णु के मन की बात थी जो वे बोलकर निकल लिए। सवाल भी उनके हिसाब के दो चार ही हुए। सीएम के मीडिया से कम होते संवाद की शिकायत प्रदेश का प्रभार और प्रदेश पर प्रभाव रखने वाले नेताजी तक पहुंच गई।
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नेताजी ने मीडिया को बुलाया तो गपशप करने के लिए था, लेकिन बात शिकवा शिकायत तक पहुंच गई। लोगों ने कह दिया सीएम का संवाद तो अब संवाद के हिसाब से ही हो रहा है। नेताजी ने कहा कि वे सीएम का संवाद सुधारेंगे। उनको मीडिया से मिलना ही चाहिए। सीएम के साथ उनके मंत्रियों की भी शिकायत पहुंची। नेताजी ने साफ कर दिया कि यह जो गैप आ रहा है उसे वे दूर करेंगे और इस बारे में सीएम समेत उनकी पूरी टीम को हिदायत दी जाएगी।
देव पर असमंजस,जुनेजा को एक्सटेंशन
छत्तीसगढ़ में ये खबर बड़े जोरों पर है कि डीजीपी अशोक जुनेजा एक बार फिर छह महीने का एक्सटेंशन मिल सकता है। प्रदेश ने यूपीएससी को तीन नामों का पैनल भेज दिया है। अरुणदेव गौतम,पवन देव और हिमांशु गुप्ता का नाम इस पैनल में शामिल है। यूपीएससी से नाम होम मिनिस्ट्री को जाएंगे फिर प्रदेश को भेजे जाएंगे, जिसमें सीएम तय करेंगे कि अगला डीजीपी कौन होगा। यह तो तय प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया होगी इस संशय है।
प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा बड़े जोरों पर है कि अशोक जुनेजा को फिर छह महीने का एक्सटेंशन दिया जाएगा। इसके पीछे की वजह बताई जा रही है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नहीं चाहते कि उनके ड्रीम प्रोजेक्ट नक्सल मुक्त देश में किसी भी तरह का बदलाव हो और मिशन में ढिलाई आ जाए। यही कारण है कि ऐसा माना जा रहा है कि अमित शाह अशोक जुनेजा को एक और एक्सटेंशन दे सकते हैं। छत्तीसगढ़ के देव को फिलहाल इंतजार करना पड़ेगा।