BHOPAL. केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार, 19 सितंबर को नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया। वहीं, इसे लेकर अब बीजेपी नेता उमा भारती ने भी मांग रखी है। उमा भारती का कहना है कि महिला आरक्षण के बिल में SC-ST के साथ OBC महिलाओं को भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। उमा भारती ने कहा, मुझे खुशी है कि महिला आरक्षण मिल रहा है, लेकिन इस बात की कसक भी है कि यह बिना ओबीसी आरक्षण के आया है। अगर हमने ओबीसी महिलाओं की भागीदारी नहीं की तो उस समाज का भरोसा टूट जाएगा।
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आज बहुत ही सौभाग्य का दिन है
उमा भारती ने कहा कि पुराने संसद भवन का जिक्र करते हुए कहा कि जब बाहर के अतिथि आते थे तो हम बहुत शर्मिंदा होते थे। नए संसद भवन को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा ने कहा, आज बहुत ही सौभाग्य का दिन है। नए संसद भवन में संसद लग रही है यह बहुत जरूरी था। पुराने संसद भवन की हालत बहुत खराब थी। वहीं, सनातन धर्म को लेकर उन्होंने कहा, मैंने पहले भी यही बात कही थी, अब भी यही कहूंगी। सनातन के मामले में उमा ने कहा कि ये विवाद नेताओं को नहीं शंकराचार्य के ऊपर छोड़ देना चाहिए।
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आज सुबह ही मैंने मोदी जी को पत्र लिखा है
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश करने पर उमा ने कहा, '1996 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा जी ने बिल प्रस्तुत किया था, तब भी हमने इसका स्वागत किया था। स्टैंडिंग कमेटी को जिस संशोधन के लिए यह बिल भेजा गया था, वह मैंने ही प्रस्तुत किया था। उसी संशोधन को लेकर मैंने आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा है। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री जी उस संशोधन के साथ ही बिल प्रस्तुत करेंगे। मैं उस संशोधन की चर्चा अभी इसीलिए नहीं कर सकती हूं कि आज सुबह ही मैंने मोदी जी को पत्र लिखा है। हमारी अपनी पार्टी की सरकार है। अगर वह संशोधन आ ही जाता है तो मुझे अलग से इसकी चर्चा करने की जरूरत नहीं।
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कांग्रेस ने महिला आरक्षण को बताया चुनावी जुमला
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता देने की कोई वास्तविक मंशा होती, तो महिला आरक्षण विधेयक बिना किसी किंतु-परंतु के तुरंत लागू कर दिया गया होता। ऐसे में उन्होंने लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला’ करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है।
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महिला आरक्षण बिल पर इन नेत्रियों के भी आए बयान
- शोभा ओझाः कांग्रेस की प्रमुख नेत्री शोभा ओझा ने कहा कि 33 प्रतिशत महिलाओं का चुनकर लोकसभा और विधानसभा में जाना गौरव की बात होगी। अब तक 10-12 प्रतिशत से अधिक महिलाएं कभी सदन में पहुंच ही नहीं पाईं। महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ने से भ्रष्टाचार में कमी आएगी, राजनीतिक गंदगी सुधरेगी, राजनीति में शुचिता बढ़ेगी।
- वंदना त्रिपाठीः बीजेपी नेत्री वंदना त्रिपाठी ने कहा कि आज महिलाएं हर जगह कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। ऐसे में अगर 33 प्रतिशत आरक्षण मिला तो राजनीति में आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिलेंगे। महिला आरक्षण विधेयक की लंबे समय से देश में मांग हो रही थी। संसद में इसे कई बार पेश भी किया गया, लेकिन पास नहीं हो सका है। अब मोदी सरकार ने नए तरीके से बिल को पेश किया है।
- मायावतीः BSP प्रमुख मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक का समर्थन किया और कहा कि सरकार को आबादी को ध्यान में रखकर महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने पर विचार करना चाहिए। BSP बसपा प्रमुख ने कहा, ‘हमारी पार्टी को उम्मीद है कि चर्चा के बाद इस बार यह महिला आरक्षण विधेयक जरूर पारित हो जाएगा, जो लंबे अरसे से लटका हुआ है।
- राबड़ी देवीः बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने महिला आरक्षण बिल के अंदर आरक्षण की मांग रख दी है। RJD प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण के अंदर वंचित, उपेक्षित, खेतिहर और मेहनतकश वर्गों की महिलाओं की सीटें आरक्षित हो। मत भूलो, महिलाओं की भी जाति है। उन्होंने आगे लिखा कि अन्य वर्गों की तीसरी, चौथी पीढ़ी की बजाय वंचित वर्गों की महिलाओं की अभी पहली पीढ़ी ही शिक्षित हो रही है, इसलिए इनका आरक्षण के अंदर आरक्षण होना अनिवार्य है।
- अर्पणा यादवः मुलायम यादव परिवार की बहू अर्पणा यादव ने कहा कि हर महिला इस बिल को लेकर खुश है। यह प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच का प्रतीक है। हर महिला को आरक्षण की जरुरत भी है। फिर वह चाहे किसी भी धर्म और जाति की हो। लोकसभा, विधानसभा और राजनीतिक पार्टियों में महिलाओं को आरक्षण मिलना शुरू हो जाएगा। इससे समाज में उनकी स्थिति बदलेगी। यह मोदी का मास्टर स्ट्रोक है। मैं फिर दोहराती हूं कि मोदी है तो मुमकिन है।
- डिंपल यादवः मैनपुरी से सपा सांसद और मुलायम सिंह परिवार की दूसरी बहू डिंपल यादव ने कहा कि इस बिल का समर्थन करतीं हूं, लेकिन हम चाहते हैं जो आखिरी पंक्ति में खड़ी हुई महिला को भी उसका हक मिलना चाहिए। हम चाहते हैं, इसमें ओबीसी महिलाओं को भी आरक्षण मिले। लेकिन सरकार की मंशा ठीक नहीं है। क्योंकि ये बिल 2024 चुनाव में लागू नहीं हो पाएगा और आने वाले पांच राज्यों के इलेक्शन में भी लागू नहीं हो पाएगा।
- अनुप्रिया पटेलः महिला आरक्षण बिल पर अपना दल सांसद और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का कहना है, महिलाएं देश की आधी आबादी हैं। महिलाओं के उत्थान के बिना लोकतंत्र को मजबूत नहीं किया जा सकता। यही कारण है कि नई संसद के पहले सत्र में हमने महिला आरक्षण बिल पेश किया।