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संजय गुप्ता, INDORE. अगस्त महीने में पड़े सूखे और फिर सितंबर में 2 दिन में हुई 12 इंच की बारिश ने सोयाबीन फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों का दावा है कि उन्होंने जिले के 150 गांवों का दौरा किया है और इसमें पता चला है कि 2 लाख हेक्टेयर में से 50 हजार हेक्टेयर की फसल पूर तरह बर्बाद हो चुकी है। लेकिन कोई सुध लेने वाला नहीं है, क्योंकि सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूरी सरकार अब चुनाव प्रचार में व्यस्त है। अब किसान सोमवार को कलेक्टोरेट पर प्रदर्शन करेंगे।
150 गांवों के दौरे के बाद किया दावा
​संयुक्त किसान मोर्चा इंदौर के नेता रामस्वरूप मंत्री और बबलू जाधव ने किसानों के साथ बुधवार को जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया और किसानों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में चंदन सिंह बड़वाया शैलेंद्र पटेल लाखन सिंह डाबी आदि शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने ग्राम सेमदा, छोटी कलमेर, चांदेर, बेगंदा करकी, एकतासा, अरोदा, सिंहादा, पेमलपुर ,खरेली, धानिया, रेंगनवास, लिंबोदापार, खटवाड़ी, देपालपुर, कुंनगारा, अत्तयाणा, रलायता, सगड़ोद शिवगढ़, बरोदा पंथ, खड़ी, चिकलोड़ा, रणादा सहित 150 से ज्यादा गांवों का दौरा किया।
बीते 70 सालों में ऐसी बारिश नहीं हुई थी
गांव के किसानों ने बताया कि पिछले 70 सालों में आज तक ऐसी बारिश नहीं हुई है। एक दिन में ही सोयाबीन की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। ना तो जनप्रतिनिधि किसानों की इस बर्बादी पर ध्यान दे रहे हैं और ना ही सरकार और प्रशासनिक अधिकारी। अभी तक कलेक्टर और तहसीलदार ने बर्बाद फसल का मुआयना भी नहीं कराया है। फसल बीमा के नाम पर लाखों रुपए की प्रीमियम राशि तो किसानों से काटी जाती है, लेकिन मुआवजे के नाम पर एक रुपए नहीं मिल रहा है।
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सोमवार को कलेक्टोरेट पर प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि शासन फसल बर्बादी का तत्काल आकलन कर किसानों को तहत मुआवजा वितरित करें। साथ ही फसल बीमा का लाभ भी किसानों को दिया जाए। इन मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा आगामी सोमवार को कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा। गांव के दौरा करने वाले प्रतिनिधिमंडल में एकतासा के प्रभु पटेल, छोटी कलमेर के मनीष परमार, मनीष भुवान सिंह मौर्य, दशरथ परमार, राजेश मौर्य,अरोदा के सुरेश सिंह पाल, ओंकार सिंह चौधरी, भागीरथ सरपंच, सिहादा के इंदर सिंह पटेल, गोकुल, रेंगनवास के ओमप्रकाश ठाकुर, महेश ठाकुर, प्रेम सिंह, नरपत सिंह, जितेन ठाकुर, सेमदा के उमेश पटेल मलखान सिंह, अनिल सिसोदिया जीतू पटेल सुनील परमार नारायण केवट, मुकुल बमोत्रीया, वासुदेव सिसोदिया, सोहन राजेश केवट, सुभाष पटेल, जितेंद्र सिसोदिया, चेतन बमोत्रीया, निलेश, सत्यनारायण नरवरिया, सेमदा के विकास जिरात, विक्रम जिरात, मोहन परमार छोटी कलमेर के राजेश अंबाराम उमट आदि शामिल थे। उन्होंने कहा कि एक-एक गांव में 150 से 200 हैक्टेयर फसल बर्बाद हुई है।