व्यंकटेश कोरी, JABALPUR. महाकौशल अंचल को सत्ता की चाबी कहा जाता है, यहां की 38 सीटें जिसके पाले में गई उसकी सत्ता तक पहुंचाने की राह आसान हो जाती है। पिछले विधानसभा की बात करें तो कांग्रेस को महाकौशल से भरपूर समर्थन मिला जिसके चलते कांग्रेस को जहां 24 सीटें मिली तो वहीं भाजपा महज 13 सीटों पर ही सिमट कर रह गई थी, इस लिहाज से महाकौशल पर दोनों ही दलों का फोकस है और यहां के मतदाताओं को साधने के लिए कांग्रेस और भाजपा के नेता ऐड़ी चोटी का जोर लगाते दिख रहे हैं। राजनीतिक दलों के लिए महाकौशल अंचल कितना मायने रखता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि न केवल कांग्रेस बल्कि भारतीय जनता पार्टी के आला नेता यहां के जिलों का लगातार दौरा कर रहे हैं। पिछले दिनों देश के गृहमंत्री और भाजपा के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह ने जबलपुर में बैठक कर महाकौशल की सीटों की समीक्षा ही नहीं की बल्कि छिंदवाड़ा जाकर असंतुष्टों को मनाने के लिए पूरा जोर भी लगाया था, उसके बावजूद बागी दोनों ही दलों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। आईए जानते हैं किस जिले में कितने बागी हैं और वे किस तरह से चुनावी समीकरणों को बिगाड़ सकते हैं।
सिहोरा - जबलपुर के आठ विधानसभा सीटों में से एक सिहोरा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है यहां से कांग्रेस ने एकता ठाकुर पर दांव लगाया है तो भारतीय जनता पार्टी ने जिला पंचायत के अध्यक्ष संतोष बरकड़े को अपना उम्मीदवार घोषित किया है लेकिन यहां बागी दोनों ही दलों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। कांग्रेस की ओर से प्रदेश सरकार की पूर्व मंत्री कौशल्या गोटिया बागी तेवर अपना रही है और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन भी भर दिया है।
गोटेगांव - नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव सीट पर लड़ाई काफी निर्णायक मोड़ पर आ चुकी है कांग्रेस ने इस सीट से पहले पूर्व विधायक शेखर चौधरी को अपना उम्मीदवार घोषित किया था लेकिन बाद में उनकी टिकट काटकर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एनपी प्रजापति को प्रत्याशी बनाया, इसके बाद पूर्व विधायक शेखर चौधरी नाराज हो गए और उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना पर्चा दाखिल कर दिया है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के करीबी माने जाने वाले महेंद्र नागेश को प्रत्याशी घोषित किया है। माना जा रहा है कि शेखर चौधरी कांग्रेस के प्रत्याशी एनपी प्रजापति को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
बड़वारा - कटनी के बड़वारा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री मोती कश्यप भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती बने हुए हैं अपनी टिकट कटने से असंतुष्ट होकर मोती कश्यप ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया है। यहां भारतीय जनता पार्टी ने धीरेंद्र सिंह पर तो कांग्रेस ने राघवेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। मोती कश्यप पहले जबलपुर से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे उसके बाद उन्हें बड़वारा से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन इस बार भाजपा ने उनकी टिकट काट दी।
बरगी - जबलपुर के बरगी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक संजय यादव को अपना प्रत्याशी घोषित किया लेकिन संजय यादव के सामने कांग्रेस की विचारधारा से जुड़े जयकांत सिंह चुनौती पेश कर रहे हैं। पूर्व विधायक सोबरन सिंह के बेटे जयकांत सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई है, जयकांत के पिता सोबरन सिंह इसी क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। जयकांत ने बरगी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पाने के लिए पूरा जोर लगाया था लेकिन कांग्रेस ने एक बार फिर मौजूदा विधायक संजय यादव पर ही भरोसा जताया है।
डिंडोरी - डिंडोरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के लिए जिला पंचायत के अध्यक्ष रुद्रेश परस्ते चुनौती बने हुए हैं, इस सीट से कांग्रेस की केंद्रीय स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्य और पूर्व मंत्री ओमकार सिंह मरकाम चुनाव लड़ रहे हैं। रुद्रेश परस्ते ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। रुद्रेश को पार्टी के ही कुछ वरिष्ठ नेता अंदरूनी तौर पर सहयोग भी कर रहे हैं, रूद्रेश को मनाने के लिए कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है लेकिन वह अब भी मानने तैयार नहीं है। भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट से पंकज तेकाम को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
कटंगी - बालाघाट जिले के कटंगी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने बोध सिंह भगत तो भारतीय जनता पार्टी ने गौरव पारधी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है लेकिन जिला पंचायत की सदस्य केसर बिसेन यहां कांग्रेस के सामने चुनौती बनी हुई है। केसर बिसेन टिकट न मिलने से नाराज होकर बागी तेवर अपना रही है माना जा रहा है कि केसर बिसेन कांग्रेस के बोध सिंह भगत के सामने चुनौती पेश करेंगी।
परसवाड़ा - बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी भाजपा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है यहां भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा विधायक और राज्य मंत्री रामकिशोर कांवरे 'नानो' को अपना उम्मीदवार घोषित किया है तो कांग्रेस ने एक बार फिर पूर्व में पराजित हुए मधु भगत को अपना प्रत्याशी बनाया है लेकिन कांग्रेस की विचारधारा और समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले कंकर मुंजारे यहां बागी तेवर अपनाते नजर आ रहे हैं।