शिवानी दुबे, BHOPAL. घना कोहरा, ओस और दांत किटकिटाने वाली ठंड अमूनन नवंबर के अंत में ही शुरू हो जाती थी, लेकिन 7 दिसंबर ठंड का वह जोर नहीं है या यूं कहे की ठंड ही गायब है l दिसंबर में ठंड पूरे चरम पर होती थी जब लोग गर्म कपड़े पहनकर भी आग जलाकर बैठने को मजबूर हो जाते थे, यहां तक की स्कूलों की भी छुट्टियां हो जाती थी। इस बार दिसंबर में राजधानी में लोग सामान्य कपड़ों में घूमते नजर आ रहे हैं इससे लगता है कि सर्दी का एहसास न के बराबर है।
दिसंबर में तापमान 16°c से 10°c तक आ जाता है
मौसम वैज्ञानिक "प्रकाश धवले" की माने तो मध्यप्रदेश में दिसंबर का न्यूनतम तापमान 16°c से 10°c तक आ जाता है l इस साल मौसम चक्र के बिगड़ने का कारण चक्रवाती तूफान "मिचौंग" माना जा रहा है l दिसंबर में बीच-बीच में कई जगह बारिश भी देखने को मिली है इसका कारण 'साइकिलॉनिक सर्कुलेशन' है। यह एक प्रकार का चक्रवात है जो हवा और नमी का मिश्रण है जो आगे बारिश का कारण बनता है l
कुछ दिन कड़ाके की सर्दी की संभावना कम है
"मिचौंग" चक्रवात के कारण पूरे एमपी में बादल दिखाई दे रहे हैं। पूर्वी मध्यप्रदेश में बादलों के कारण तापमान में गिरावट है और न्यूनतम तापमान बढ़ा हुआ नजर आ रहे है। यही वजह है कि आने वाले कुछ दिनों तक कड़ाके की सर्दी की संभावना कम ही है l मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान सामान्य या सामान्य से ज्यादा रहने की संभावना है l
बदलते मौसम चक्र का बड़ा कारण El nino
WMO (world meteorlogical organization) के अनुसार El nino (अलनीनों) के कारण मौसम चक्र असंतुलित हो रहें है, El nino एक जलवायु सम्बन्धी घटना है जो पूर्वी प्रशांत महासागर में सतही जल के आसामान्य रूप से गर्म होने का कारण है l पर्यावरण प्रदूषण कहीं न कहीं बदलते मौसम चक्र का बड़ा कारण है l