छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस ने महादेव सट्टा एप और साइबर ठगी से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करते हुए 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में 8 म्यूल खाताधारक और 3 मुख्य खाईवाल शामिल हैं। यह कार्रवाई वैशाली नगर स्थित केनरा बैंक के शाखा प्रबंधक परमात सिंह सिंगोंदिया की शिकायत पर की गई। पुलिस पहले ही इस मामले में 11 म्यूल अकाउंट धारकों को गिरफ्तार कर चुकी है और करीब 22 लाख रुपये की राशि होल्ड कर चुकी थी।
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5 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन
पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपियों द्वारा फर्जी खातों का उपयोग ऑनलाइन सट्टा और साइबर धोखाधड़ी में किया जा रहा था। एक खाताधारक उमा शर्मा, जो "एवनी ब्रेसिंग ब्यूटी पार्लर" चलाती हैं, ने 700 रुपये जमा कर केनरा बैंक में एक खाता खुलवाया था और उसमें इंटरनेट बैंकिंग चालू करवाई थी। लेकिन बैंक विवरण के अनुसार फरवरी माह में इस खाते से 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ, जिसमें अधिकांश ट्रांजेक्शन दिल्ली से ट्रांसफर किए गए थे।
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देहरादून से चला रहे थे कारोबार
उमा शर्मा से पूछताछ के बाद पुलिस को मोनू और उसके साथियों की जानकारी मिली, जो देहरादून से ऑनलाइन सट्टा संचालन कर रहे थे। जब पुलिस ने बताए पते पर दबिश दी, तो वहां मोनू की जगह बिहार निवासी नीतीश कुमार मिला। पूछताछ में नीतीश ने खुलासा किया कि वह बिहार के दीपक कुमार नामक मुख्य सट्टा खाईवाल के लिए काम करता है। नीतीश ने स्वीकार किया कि उसने और उसके साथियों ने छत्तीसगढ़, विशेषकर भिलाई क्षेत्र से लोगों के बैंक खाते 20,000 रुपये में खरीदे और उन्हें क्रिकेट सट्टा नेटवर्क में उपयोग किया।
बड़े सट्टा नेटवर्क का खुलासा
पुलिस के मुताबिक, आरोपी नीतीश कुमार "लोटस", "बप्पा", "रामजनो" और "गोविंदा" जैसे ऑनलाइन सट्टा पैनलों का संचालन करता था। उसकी गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके पास से 3 लैपटॉप, 3 मोबाइल फोन, 1 कार, 9 एटीएम कार्ड, 8 पासपोर्ट, 2 चेकबुक जब्त की हैं।
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जांच अभी जारी
पुलिस का मानना है कि यह नेटवर्क देशभर में फैला हुआ है और इसका सीधा कनेक्शन महादेव सट्टा एप से है। दुर्ग एसपी के निर्देश पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है और बैंक खातों की पूरी लेनदेन हिस्ट्री खंगाली जा रही है। साथ ही उन सभी खातों को ट्रैक किया जा रहा है जिनका उपयोग सट्टा या साइबर फ्रॉड में किया गया है।
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी परिस्थिति में अपना बैंक खाता या दस्तावेज किसी अंजान व्यक्ति को न दें, वरना वे गंभीर अपराध में फंस सकते हैं।
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