/sootr/media/media_files/2025/05/28/Zo90GTuJ7QO7VXSTxFiK.jpg)
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के सुपेला थाना क्षेत्र में गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को आत्मनिर्भरता का सपना दिखाकर किए गए 20 लाख रुपए के एक बड़े लोन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। खुद को मार्केटिंग एजेंट बताने वाली मंजू सोनी, निवासी कृष्णा नगर, सुपेला, ने कई महिलाओं को समूह लोन योजना के तहत लोन दिलवाने का झांसा दिया और उनके नाम पर लोन पास करवाकर खुद ही रकम हड़प ली।
ये खबर भी पढ़ें... असिस्टेंट-कमिश्नर पर रेप का आरोप, 7 साल तक शारीरिक शोषण और 3 बार...
घोटाले की शुरुआत
इस धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब पीड़िता माया सोनी ने थाना सुपेला में एक विस्तृत रिपोर्ट दर्ज करवाई। माया ने बताया कि मंजू सोनी ने महिलाओं को स्वरोजगार और गृह उद्योग के लिए सरकारी योजना के तहत लोन दिलवाने का झांसा दिया था।
मंजू ने महिलाओं को बताया कि वह उन्हें ग्राम शक्ति बैंक, बंधन बैंक, सुर्योदय बैंक, आशीर्वाद बैंक, ईशाख बैंक, सुभ्रा बैंक और सत्सा बैंक जैसी फाइनेंस कंपनियों से लोन दिलवा सकती है। इन संस्थानों से महिला समूह बनाकर हर महिला के नाम से लोन पास करवाया गया।
लोन की राशि खुद के बैंक खातों में, लेकिन कब्जा मंजू का
लोन की राशि सीधे महिलाओं के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती थी। लेकिन मंजू सोनी उन्हें यह कहकर बहलाती थी कि पैसे सुरक्षित जगह पर रखना है या प्रक्रिया का हिस्सा है, और उनसे 80% तक की राशि नगद में निकलवाकर अपने पास रख लेती थी।
शुरुआत में वह कुछ किस्तें खुद भरती थी ताकि महिलाओं को भरोसा हो जाए, लेकिन जैसे-जैसे लोन की राशि बढ़ी, वह किश्तें चुकाना बंद कर देती और नई महिलाओं का समूह बनाकर वही चक्र दोहराती रहती।
ये खबर भी पढ़ें... जिला सहकारी बैंक में 28 करोड़ का घोटाला, अब तक 11 आरोपी गिरफ्तार
पुलिस की फुर्ती से गिरफ्तारी
जब बैंकों से महिलाओं को नोटिस आने लगे और वे किश्त भरने में असमर्थ हुईं, तब जाकर असलियत सामने आई। थाना सुपेला में अपराध क्रमांक 603/2025, BNS की धारा 318(4) के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मंजू सोनी को गिरफ्तार कर लिया है।
पूछताछ में खुलासा
पुलिस पूछताछ में पता चला कि मंजू सोनी ने लोन की राशि से एक स्कूटी (CG CH 8547) खरीदी थी और अपने घर को बेचकर नई संपत्ति खरीदने की योजना बना रही थी। वह फरार होने की कोशिश में थी, लेकिन सुपेला पुलिस की तत्परता से उसे समय रहते पकड़ लिया गया।
ये खबर भी पढ़ें... चुपके से पड़ोसन का फोटो लिया और व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर किया... पड़े लात-घूंसे
पुलिस टीम की सक्रियता सराहनीय
इस पूरे मामले की विवेचना में थाना सुपेला की टीम की अहम भूमिका रही।
निरीक्षक विजय यादव
उनि मनीष वाजपेयी
सउनि पुरण साहू
प्र. आरक्षक शुबोध पांडे
महिला आरक्षक छमा बांधव
आरक्षक सूर्यप्रताप व दुगेश सिंह
ने मिलकर इस घोटाले को उजागर किया।
समाज को चेतावनी
यह मामला केवल एक वित्तीय अपराध नहीं है, बल्कि एक सामाजिक विश्वासघात है। जिन महिलाओं ने छोटे व्यवसायों से अपनी जिंदगी बदलने का सपना देखा, उन्हें कर्ज़ में डुबो दिया गया। वे आज मानसिक तनाव में हैं, और बैंक की किश्तें भरने में असमर्थ हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि कोई भी योजना या स्कीम से जुड़ने से पहले उसकी सच्चाई और संस्था की वैधता की जांच जरूर करें। संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।
दुर्ग की यह घटना एक गहरी चेतावनी है कि ठगी के नए-नए तरीके अब 'सशक्तिकरण' जैसे शब्दों की भी आड़ लेने लगे हैं। हालांकि पुलिस की त्वरित कार्रवाई से यह घोटाला समय रहते रुक गया, लेकिन अब सबसे जरूरी है कि पीड़ित महिलाओं को न्याय और राहत मिल सके।
ये खबर भी पढ़ें... रायगढ़ में हनुमान मंदिर तोड़े जाने से तनाव, पुलिस सतर्क
fraud | fraud of lakhs | self reliance | accused arrested | Durg | chattisgarh | लाखों की ठगी | महिलाओं से लाखों की ठगी | छत्तीसगढ़