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रायपुर : छत्तीसगढ़ आदिवासी और वन प्रदेश माना जाता है। लेकिन यहां के वनों में जंगलराज चल रहा है। यह जंगलराज है भारतीय वन सेवा के अधिकारियों यानी आईएफएस का। दो दर्जन आईएफएस के खिलाफ 31 शिकायतें हैं जिनकी जांच चल रही है। इनके खिलाफ ईओडब्ल्यू और एसीबी में मामले दर्ज किए गए हैं। कोई अफसर वन्य जीवों के अवशेषों की तस्करी करा रहा है तो कोई पेड़ों की अवैध कटाई कर अपनी जेब में लाखों रुपए भर रहा है। इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति बना ली है। यानी इन्होंने खूब जंगल में मंगल किया है। आइए आपको दिखाते हैं छत्तीसगढ़ के फॉरेस्ट ऑफिसरों का जंगल में मंगल।
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छत्तीसगढ़ में रक्षक ही भक्षक
छत्तीसगढ़ वन संपदा से भरपूर राज्य है। छत्तीसगढ़ का वन आवरण देश में तीसरे नंबर पर है। यहां पर 56 हजार वर्ग किलोमीटर जंगल है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रदेश में हरे भरे पेड़ों का कितना बड़ा एरिया है। लेकिन छत्तीसगढ़ के जंगल के दुश्मन वही बन गए हैँ जिन पर जंगल बचाने की जिम्मेदारी है। यानी रक्षक ही भक्षक बन गए हैं। हम बात कर रहे हैं भारतीय वन सेवा के उन अफसरों की जो अलग अलग जिलों में पदस्थ हैं। डीएफओ के तौर पर इन पर वनों की अवैध कटाई रोकना, वन्य जीवों के शिकार को रोकना और वनों का संरक्षण और संवर्धन का जिम्मा है। लेकिन इन वन अधिकारियों ने जंगल राज का नमूना पेश किया है। यही जंगल की अवैध कटाई करवा रहे हैं तो यही वन्यजीवों का शिकार भी। यहां तक कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति भी अर्जित कर ली है। छत्तीसगढ़ के 24 आईएफएस के खिलाफ ईओडब्ल्यू और एसीबी में 31 मामले दर्ज किए गए हैं। ये मामले भ्रष्टाचार,आय से अधिक संपत्ति और जंगल को क्षति पहुंचाने के संबंध में हैं। आइए आपको दिखाते हैं कि किन आईएफएस ने जंगल में मंगल किया है।
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भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे ये आईएफएस
केके खेलवार तत्कालीन डीएफओ कोंडागांव - 13वें वित्त आयोग की राशि में भ्रष्टाचार की शिकायत
गोवर्धन प्रबंध संचालक कोरबा - करोड़ों के जंगल की अवैध कटाई
एस वेंटकाचलम डीएफओ कटघोरा - वन मार्ग निर्माण घोटाला और गोबर खाद घोटाला
आरके जांगड़े डीएफओ दंतेवाड़ा - आय से अधिक संपत्ति
आलोक तिवारी डीएफओ महासमुंद - सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार
उत्तम कुमार गुप्ता, डीएफओ - फर्जी ठेकेदार से मिलीभगत कर फर्जी बिलों का लाखों का भुगतान
अरुण कुमार पांडे - वन्य प्राणियों के अवशेषों की तस्करी
पंकज राजपूत डीएफओ राजनांदगांव - सामान खरीदी में अनियमितता
एसके पैकरा डीएफओ बिलासपुर - करोड़ों का गबन
रमेश चंद्र दुग्गा आईएफएस - अवैध कटाई से लाखों की कमाई
गुरुनाथन एन वनमंडल कोरबा - इनके खिलाफ शिकायत
समा फारुखी डीएफओ कटघोरा - रोड व तालाब का निर्माण कराने के बाद भी भुगतान नहीं
चूणामणि सिंह लोरमी - किसानों के खातों में अधिक राशि डालकर भ्रष्टाचार
जितेंद्र उपाध्याय - कैंपा मद के 95 लाख रुपए में भ्रष्टाचार
लक्ष्मण सिंह - करोड़ों की सरकारी राशि का गबन
विवेकानंद झा डीएफओ बलरामपुर - भ्रष्टाचार एवं अनियमितता की शिकायत
जनकराम नायक मुख्य वन संरक्षक रायपुर - अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्ति
राकेश चतुर्वेदी तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक - अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करना
संजय शुक्ला : आय से अधिक संपत्ति
दिलेश्वर साहू तत्कालीन डीएफओ जगदलपुर - फर्जी क्रय करने संबंधी
शशिकुमार तत्कालीन डीएफओ,जीपीएम - पद का दुरुपयोग
आलोक कटियार मुख्य कार्यपालन अधिकारी बलरामपुर - केंद्र की योजनाओं से करोड़ों की संपत्ति बनाना
कुमार निशांत डीएफओ बिलासपुर - आर्थिक भ्रष्टाचार
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इन पर कब होगी कार्रवाई
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यह सारी जानकारी सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार है। इन सबकी जांच चल रही है। लेकिन सवाल ये है कि इन पर कब तक जांच चलेगी,कब पूरी होगी और कब इन पर कार्रवाई होगी। यह सरकारी काम है तो अपनी ही गति से होगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कहते हैं कि जांच प्रकरणों के हिसाब से संसाधनों की कमी है फिर भी तेज गति से जांच कराई जा रही है। जांच एजेंसियों को समय समय पर निर्देशित किया जा रहा है। यह सब तो ठीक है इनको सजा जब भी मिले लेकिन इन अधिकारियों ने जंगल का नुकसान तो करा ही दिया।
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