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Mahtari Vandan Yojana : सरकार की खस्ता आर्थिक हालत का असर महतारी वंदन योजना पर भी पड रहा है। हर महीने करीब 700 करोड़ का भुगतान सरकारी खजाने पर भारी पड़ रहा है। अपात्रों के नाम पर हर महीने महिलाओं के नाम योजना की लिस्ट से कम होते जा रहे हैं। सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले 10 महीने में साढ़े 34 हजार महिलाएं अपात्र हो चुकी हैं।
इसके अलावा 38 हजार महिलाओं के खाते में राशि नहीं पहुंची है। यानी 70 हजार से ज्यादा महिलाएं एक हजार रुपए महीने पाने के लायक नहीं रहीं। सरकार इसका तकनीकी कारण बता रही हो लेकिन महिलाएं इसे उनके साथ सरकार का छलावा मान रही हैं। क्या है पूरा मामला आइए आपको बताते हैं।
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हर महीने कट रहे साढ़े तीन हजार महिलाओं के नाम
बीजेपी ने प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महिलाओं को लुभाने का दांव खेला। इसके लिए महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को एक रुपए महीने देने का वादा किया। इस योजना को मोदी की गारंटी करार दिया गया ताकि महिलाओं का भरोसा जीता जा सके। महिलाओं को लुभाने का कार्ड काम कर गया और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गई। अब केंद्र में मोदी सरकार की वापसी की बात आई। लिहाजा छत्तीसगढ़ सरकार ने पहली कैबिनेट में इस योजना पर मुहर लगा दी।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले मार्च में महतारी वंदन की एक हजार रुपए की पहली किश्त रिलीज कर दी गई। महिलाओं का भरोसा और बढ़ गया और 11 लोकसभा सीटों में से 10 सीटें बीजेपी के खाते में आ गईं। लेकिन सरकार की खराब माली हालत के चलते इस योजना पर गुपचुप कैंची भी चलती रही। सरकार की ताजा जानकारी के मुताबिक मार्च से दिसंबर तक पिछले 10 महीने में 34536 महिलाएं इस योजना से हटा दी गईं। यानी हर महीने करीब साढ़े तीन हजार महिलाओं की इस योजना से छंटनी हो चुकी है।
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38 हजार को नहीं मिली राशि
द सूत्र ने इस योजना की और पड़ताल की। दिसंबर महीने में महतारी वंदन के तहत महिलाओं के खाते में गई एक हजार की राशि का पूरा लेखा जोखा निकाला। अब यहां पर और हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। 34 हजार 536 महिलाओं के नाम तो पहले ही काट दिए गए हैं और दिसंबर की किश्त में 38 हजार 54 महिलाओं के खाते में राशि नहीं पहुंची।
यानी कुल मिलाकर यह आंकड़ा 70 हजार से उपर पहुंच जाता है। जब इस बारे में हमने महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से पूछा तो उन्होंने तकनीकी कारणों का हवाला दे दिया। उन्होंने कहा कि बैंक खाते से आधार लिंक न होने या बैंक खाता बंद होने के कारण यह राशि नहीं पहुंची है।
नए नाम जोड़ने के बारे में जब उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि नए नाम जोड़ने पर अभी कोई विचार नहीं है। तो सवाल यह पैदा होता है कि जब ये 38 हजार महिलाएं 9 महीने से इस योजना से जुड़ी हैं तो फिर उनके बैंक खाते में अचानक तकनीकी कारण कैसे आ गया। कहीं ये उनके नाम भी बाहर करने की योजना तो नहीं।
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महतारी वंदन का पूरा लेखा जोखा
महतारी वंदन योजना के लिए जब आवेदन मंगाए गए तो 70 लाख 27 हजार 154 महिलाओं के आवेदन पत्र आए। इनमें से नियम शर्तों के आधार पर 70 लाख 09 हजार 366 महिलाओं को पात्र माना गया। दिसंबर में महिलाओं की संख्या 69 लाख 74 हजार 830 थी। महतारी वंदन योजना के तहत पेंशनधारी महिलाओं को भी पैसे दिए जाते हैं। लेकिन उनके पेंशन की राशि जोड़कर ही एक हजार रुपए दिए जाते हैं। महिलाओं को पेंशन की राशि 500 और 650 रुपए हैं। यानी इन पेंशनधारी महिलाओं को सरकार महतारी वंदन के तहत 500 और 350 रुपए ही देती है।
महतारी वंदन का फैक्ट फिगर
मार्च में महिलाओं की संख्या - 70 लाख 09 हजार 366
दिसंबर में महिलाओं की संख्या - 69 लाख 74 हजार 830
इतनी महिलाओं के नाम कटे - 34 हजार 536
इतनी महिलाओं को नहीं मिली राशि - 38 हजार 54
इनमें पेंशनधारी महिलाओं की संख्या -5 हजार 553
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