कस्टम मिलिंग घोटाले में 3500 पेज का चालान, जेल में बंद हैं सोनी...
3500 page challan in custom milling scam : ईओडब्ल्यू ( EOW ) ने शनिवार को छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में स्पेशल कोर्ट में 3500 पेज का चालान पेश कर दिया।
3500 page challan in custom milling scam : ईओडब्ल्यू ( EOW ) ने शनिवार को छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में स्पेशल कोर्ट में 3500 पेज का चालान पेश कर दिया। इसके साथ ही घोटाले से संबंधित 35 पेज की समरी भी कोर्ट में जमा की गई है।
घोटाले के मुख्य आरोपी और मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी के साथ ही राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर तथा अन्य लोगों के नाम इस चालान में शामिल हैं। जानकारी के अनुसार इस मामले में 25 फरवरी को अगली सुनवाई होगी। उल्लेखनीय है कि रोशन चंद्राकर महासमुंद और मनोज सोनी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं।
अधिकारी लेते थे रिश्वत
EOW ने जांच के दौरान पाया कि चावल मिलिंग करने वाले राइस मिलर्स से उनके बिल पास करने के एवज में मार्कफेड के अधिकारी रिश्वत लिया करते थे। इस मामले में 140 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है।
EOW की चार्ज शीट में बताया गया है कि पूर्व एमडी मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल दो साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मार्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट इन मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटा धान को पतला, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।
इस तरह बनाया गया था वसूली का सिस्टम
जांच में यह पाया गया कि, तत्कालीन जिला मार्केटिंग अफसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था। इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है।
20 अक्टूबर 2023 को ED ने छापा मारा था। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर लिखा कि, 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े लोगों के घर पर जांच की गई।
FAQ
कस्टम मिलिंग घोटाले में EOW ने कोर्ट में क्या दस्तावेज पेश किए हैं?
EOW ने कस्टम मिलिंग घोटाले में स्पेशल कोर्ट में 3500 पेज का चालान और 35 पेज की समरी पेश की है। इस चालान में मुख्य आरोपी मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी, राइस मिल एसोसिएशन के पूर्व कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
EOW की जांच में कस्टम मिलिंग घोटाले का क्या खुलासा हुआ?
EOW की जांच में पता चला कि राइस मिलर्स से उनके बिल पास कराने के बदले मार्कफेड के अधिकारी रिश्वत लेते थे। इस घोटाले में करीब 140 करोड़ रुपए का गबन किया गया। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, धान के प्रकार बदलने और एफसीआई को नान में बदलने के लिए पैसा लिया जाता था।
इस घोटाले में वसूली का सिस्टम कैसे काम करता था?
तत्कालीन जिला मार्केटिंग अफसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को पूर्व एमडी मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था कि केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाए, जिन्होंने घोटाले की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी हो। इसी तरीके से घोटाले को अंजाम दिया गया।