48 करोड़ का भूमिकांड: दलाल हरमीत सिंह खनूजा न्यायिक हिरासत में

छत्तीसगढ़ के भारतमाला परियोजना से जुड़े बहुचर्चित 48 करोड़ रूपए के भूमि घोटाले में जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा को 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। EOW ने शुक्रवार को पूछताछ की प्रक्रिया पूरी करने के बाद खनूजा को विशेष न्यायालय में पेश किया।

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छत्तीसगढ़ के भारतमाला परियोजना से जुड़े बहुचर्चित 48 करोड़ रूपए के भूमि घोटाले में जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा को 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने शुक्रवार को पूछताछ की प्रक्रिया पूरी करने के बाद खनूजा को विशेष न्यायालय में पेश किया।

यह है मामला

भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर जिले में अधिग्रहण की जा रही ज़मीनों में फर्जीवाड़ा कर सरकारी तंत्र को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाने का आरोप है। सूत्रों के अनुसार, यह घोटाला तब सामने आया जब अधिग्रहण प्रक्रिया में शामिल ज़मीनों की वास्तविक कीमत और भुगतान की गई कीमत में भारी अंतर पाया गया।

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खनूजा की भूमिका

EOW की जांच में सामने आया कि जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा ने कई फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए अधिग्रहण प्रक्रिया में हेरफेर की। बताया जा रहा है कि उसने सरकारी अफसरों की मिलीभगत से सामान्य ज़मीनों को ऊँचे दामों पर बेचने की योजना बनाई और करोड़ों रुपये का घोटाला अंजाम दिया।

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पूछताछ में यह निकला

EOW ने खनूजा को हिरासत में लेकर कई दिनों तक पूछताछ की, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, खनूजा ने कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर फर्जी रजिस्ट्री, दस्तावेजों की हेरफेर, और जमीनों की कीमतों में कृत्रिम उछाल पैदा कर करोड़ों की रकम हड़प ली।

आगे की कार्रवाई

EOW ने विशेष अदालत से खनूजा की न्यायिक हिरासत की मांग की, जिसे मंजूर कर 14 मई 2025 तक जेल भेज दिया गया है। इस केस में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियाँ संभव मानी जा रही हैं।

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राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में हलचल

इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासनिक तंत्र और राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष सरकार पर मामले की लीपापोती करने का आरोप लगा रहा है, वहीं शासन का दावा है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

यह मामला यह दर्शाता है कि किस तरह सरकारी योजनाओं को निजी लाभ के लिए निशाना बनाया जाता है। ईओडब्ल्यू की जांच से उम्मीद है कि सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

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