छत्तीसगढ़ के व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) और छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) के बीच अनुबंध समाप्त होने के बाद से लगभग 5 लाख से अधिक युवाओं का परीक्षा परिणाम अटका हुआ है। इस अनुबंध के समाप्त होने के बाद से व्यापमं की ओर से नई एजेंसी के साथ अनुबंध करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अब तक इस प्रक्रिया में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।
चिप्स और व्यापमं के बीच अनुबंध समाप्त होने को लेकर युवाओं में गुस्सा है, क्योंकि यह स्थिति अचानक उत्पन्न नहीं हुई होगी। युवाओं का कहना है कि यदि अनुबंध समाप्त होने की जानकारी अधिकारियों को पहले से थी तो वे पहले से तैयारी क्यों नहीं कर पाए। इसके अलावा, कुछ परीक्षाओं के परिणाम जारी किए गए हैं, लेकिन बड़ी संख्या में परीक्षाओं के परिणाम अभी भी घोषित नहीं किए जा सके हैं।
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परीक्षार्थी का रिजल्ट अटका
इस वर्ष व्यापमं द्वारा कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिनमें लाखों युवाओं ने भाग लिया था। इनमें से प्रयोगशाला तकनीशियन, छात्रावास अधीक्षक, राज्य पात्रता परीक्षा (SET) और अन्य परीक्षाएं शामिल हैं, जिनके परिणाम अब तक जारी नहीं हो पाए हैं। जुलाई से अक्टूबर के पहले सप्ताह तक आयोजित इन परीक्षाओं में लगभग 5 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे, और अब उनका रिजल्ट अटका हुआ है।
इन परीक्षाओं में से कुछ का रिजल्ट लगभग तैयार था, लेकिन नई एजेंसी के चयन में देरी के कारण यह परिणाम जारी नहीं हो पाए। उदाहरण के लिए, राज्य पात्रता परीक्षा (SET) 21 जुलाई को आयोजित की गई थी, जिसमें 1 लाख से अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसके मॉडल उत्तर भी जारी किए गए थे, और दावा-आपत्ति भी मंगाई गई थी।
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3.53 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे
इसके अलावा, राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला के तहत प्रयोगशाला सहायक और तकनीशियन की परीक्षा अगस्त में आयोजित हुई थी, जिसमें लगभग 45 हजार परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसी प्रकार, छात्रावास अधीक्षक की परीक्षा 15 सितंबर को आयोजित हुई थी, जिसमें 3.53 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे, और इसके मॉडल उत्तर भी जारी किए गए थे।
हालांकि, कुछ परीक्षाओं के मॉडल उत्तर जारी किए गए हैं, लेकिन अंतिम परिणाम अभी भी अटका हुआ है। इसके अलावा, प्रयोगशाला तकनीशियन भर्ती परीक्षा, जो 6 अक्टूबर को आयोजित की गई थी, उसमें 60 हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, लेकिन इसका मॉडल उत्तर भी अब तक जारी नहीं किया गया है।
यह स्थिति केवल युवाओं को ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य की सरकारी संस्थाओं की विश्वसनीयता को भी प्रभावित कर रही है। व्यापमं और चिप्स, दोनों ही छत्तीसगढ़ की सरकारी संस्थाएं हैं, और यह स्थिति सरकारी संस्थाओं के बीच सामंजस्य की कमी को भी दर्शाती है।
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भर्ती की प्रक्रिया का इंतजार
इसके अलावा, इस वर्ष केवल एक भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो पाई है, और वह भी मत्स्य निरीक्षक के 70 पदों के लिए थी, जिनकी परीक्षा अभी तक नहीं हुई है। युवाओं का कहना है कि पूरे साल भर्ती की प्रक्रिया का इंतजार करते हुए उनकी उम्र बढ़ गई है और अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है।
साथ ही, जिनकी परीक्षा हो चुकी है, उनके परिणामों का इंतजार भी जारी है। अब सवाल उठता है कि जब तक नई एजेंसी के साथ अनुबंध नहीं हो जाता, तब तक इन परिणामों को क्यों जारी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में, युवाओं को कब तक और किस स्थिति में भर्ती की प्रक्रिया का इंतजार करना पड़ेगा, यह सवाल भी बन गया है।
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