नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा गांव में 17 जून को हुई दिल दहला देने वाली वारदात के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दो छात्रों समेत तीन ग्रामीण आदिवासियों की नक्सलियों द्वारा हत्या के मामले में पुलिस ने पाँच नक्सल समर्थकों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, ये पांचों आरोपी उस वारदात में सीधे शामिल थे, जिसमें नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर तीन लोगों को गला घोंटकर मार डाला और सात अन्य ग्रामीणों को बुरी तरह पीटकर घायल कर दिया था।
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क्या थी घटना?
17 जून 2025 को बीजापुर जिले के पेद्दा कोरमा गांव में नक्सलियों ने शाम करीब 4 बजे गांव में धावा बोला। पहले दर्जनभर ग्रामीणों का अपहरण किया गया। इसके बाद जन अदालत लगाई गई और तीन ग्रामीणों—झींगु मोडियम, सोमा मोडियम और अनिल माड़वी—को मौत के घाट उतार दिया गया।
इनमें से दो मृतक छात्र थे और तीसरा ग्रामीण व्यक्ति। जानकारी के अनुसार, झींगु मोडियम और सोमा मोडियम आत्मसमर्पण कर चुके पूर्व नक्सली दिनेश मोडियम के रिश्तेदार थे। हत्या की इस पूरी योजना को कुख्यात नक्सली वेल्ला और उसकी टीम ने अंजाम दिया।
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गिरफ्तार आरोपियों की भूमिका
गिरफ्तार किए गए सभी पांचों आरोपी नक्सली गतिविधियों के समर्थक हैं और जन अदालत में मारपीट और हत्या की कार्रवाई में शामिल रहे। पुलिस ने इन्हें सटीक सूचना के आधार पर गिरफ्तार किया है। फिलहाल उनसे पूछताछ की जा रही है और अन्य सहयोगियों की तलाश भी जारी है।
घटना की पृष्ठभूमि
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया था। स्थानीय लोगों के अनुसार, नक्सली लंबे समय से उन ग्रामीणों को निशाना बना रहे हैं जो मुख्यधारा से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं या जिनका संबंध पूर्व नक्सलियों से रहा है।
इस बार नक्सलियों का निशाना बने ग्रामीण न सिर्फ निर्दोष थे, बल्कि उनमें से दो छात्र पढ़ाई में अच्छे थे और सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे।
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पुलिस की प्रतिक्रिया
बीजापुर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और मामले की तह तक जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए हर स्तर पर कार्रवाई की जाएगी और इस तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बीजापुर में हुई यह घटना नक्सल हिंसा की भयावह सच्चाई को सामने लाती है। पढ़ने-लिखने की चाह रखने वाले ग्रामीण युवा जब मुख्यधारा में आना चाहते हैं, तो नक्सली उन्हें क्रूरता से कुचल देते हैं। हालांकि, इस बार पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि शासन और प्रशासन अब इन अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेगा।
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