छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में CBI अधिकारी बनकर एक महिला को डिजिटल अरेस्ट में रखने और लाखों रूपए की ठगी करने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। ठगों ने महिला को एक महीने तक मानसिक रूप से डराकर उससे ₹54 लाख 90 हजार की वसूली की। पीड़िता की शिकायत पर नेवई थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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फर्जी CBI अधिकारी का कॉल
पीड़िता नम्रता चंद्राकर, जो कि भिलाई के रिसाली क्षेत्र की निवासी हैं, ने थाने में दर्ज शिकायत में बताया कि यह सब एक व्हाट्सएप कॉल से शुरू हुआ। कॉल उसके पिता के मोबाइल पर आया था, जिसमें अज्ञात व्यक्ति ने खुद को CBI का अधिकारी बताया।
उसने दावा किया कि नम्रता के पिता का बैंक खाता मुंबई के एक व्यक्ति नरेश गोयल के पास से जब्त किया गया है, और उसमें ₹2 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग का ट्रांजैक्शन पाया गया है।
फर्जी ऑडियो ड्रामा
ठग ने व्हाट्सएप कॉल के दौरान एक ऑडियो सुनाया, जिसमें कथित रूप से नरेश गोयल यह कह रहा था कि उसने 5 लाख रूपए में महिला के पिता का खाता खरीदा है और उसमें गरीबों के खातों से पैसे ट्रांसफर कराए गए हैं। आरोपी ने धमकी दी कि अगर ये पैसे वापस नहीं किए गए, तो उन्हें उच्च न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा जा सकता है।
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डिजिटल अरेस्ट का फंदा
आरोपी ने महिला को कहा कि उसे डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। इसका मतलब ये था कि वह लगातार ऑनलाइन संपर्क में रहेगी, फोन पर निगरानी रखी जाएगी और बताए गए खातों में रकम ट्रांसफर करनी होगी। इस डर और मानसिक दबाव के चलते नम्रता ने 29 अप्रैल से 29 मई 2025 तक कई बार में ₹54,90,000 अज्ञात खातों में ट्रांसफर कर दिए।
शक हुआ तो खुला राज
लगातार पैसों की मांग और धमकियों से परेशान होकर नम्रता को शक हुआ कि कहीं उसके साथ धोखाधड़ी तो नहीं हो रही। इसके बाद उसने साहस कर नेवई थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
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पुलिस ने दर्ज किया केस
थाना प्रभारी व प्रवक्ता पद्मश्री तंवर ने जानकारी दी कि पीड़िता की शिकायत पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से मोबाइल नंबर, बैंक ट्रांजैक्शन और कॉल रिकॉर्ड के आधार पर जांच कर रही है।
यह मामला क्यों है अहम:
डिजिटल अरेस्ट जैसे नए साइबर फ्रॉड की चेतावनी
मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोपों से आम लोगों को डराया गया
साइबर अपराधियों की मनोवैज्ञानिक रणनीति का खुलासा
पुलिस की अपील
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर कानूनी कार्रवाई की धमकी मिलने पर तुरंत थाने या साइबर हेल्पलाइन पर संपर्क करें। कोई भी सरकारी अधिकारी या जांच एजेंसी कभी व्हाट्सएप कॉल पर पैसे नहीं मांगती।
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