बलरामपुर में PWD अफसर की बदसलूकी, पत्रकारों से छीना कैमरा

बलरामपुर जिले में आयोजित 'सुशासन तिहार' शिविर के दौरान लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यपालन अभियंता (EE) मोहन राम भगत पर पत्रकारों से अभद्रता करने, कैमरा छीनने और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं।

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Harrison Masih
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PWD officer misbehaved with journalists, snatched camera aso threatened them the sootr
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छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आयोजित 'सुशासन तिहार' शिविर के दौरान एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। लोक निर्माण विभाग (PWD) के कार्यपालन अभियंता (EE) मोहन राम भगत पर पत्रकारों से अभद्रता करने, कैमरा छीनने और धमकी देने के गंभीर आरोप लगे हैं। यह घटना उस समय हुई जब पत्रकार जिले में चल रहे सरकारी कार्यों और निर्माण गतिविधियों की कवरेज कर रहे थे।

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पत्रकार कर रहे थे कवरेज

घटना की शुरुआत रामानुजगंज के रिंग रोड क्षेत्र में हो रहे नाली निर्माण कार्य से हुई। भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने निर्माण कार्य में अनियमितता को लेकर मौके पर सवाल खड़े किए और PWD के EE मोहन राम भगत से जवाबदेही मांगी। इसी दौरान पत्रकारों ने पूरे घटनाक्रम को कैमरे में रिकॉर्ड करना शुरू किया।

पत्रकारों की रिकॉर्डिंग नागवार गुजरी

जैसे ही EE मोहन राम भगत ने देखा कि पत्रकार निर्माण स्थल की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, वह भड़क उठे। उन्होंने न सिर्फ अपशब्दों का प्रयोग किया, बल्कि एक पत्रकार का कैमरा छीनने की कोशिश की और धमकी भरे लहजे में बात की।

यह पूरी घटना भी एक अन्य कैमरे में रिकॉर्ड हो गई और अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अधिकारी पत्रकारों से आक्रामक लहजे में बात कर रहे हैं।

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पत्रकारों में आक्रोश

घटना के बाद स्थानीय पत्रकारों और मीडिया संगठनों में भारी नाराजगी है। उन्होंने इस घटना को "प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला" बताते हुए EE मोहन राम भगत के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

पत्रकार संगठनों ने कहा "पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं। यदि वे सरकारी कार्यों की रिपोर्टिंग नहीं कर सकते तो यह सुशासन नहीं, दमन का प्रतीक है।"

कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

यह घटना PWD विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। जिस मंच पर “सुशासन” की बात की जा रही थी, वहीं लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का खुलेआम उल्लंघन हुआ।

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अब तक की स्थिति

पत्रकारों के कैमरे छीनने और धमकी देने का वीडियो वायरल

पत्रकार संगठनों ने की EE के निलंबन की मांग

जिला प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं

सोशल मीडिया पर भी लोगों का गुस्सा फूटा

क्या होगा प्रशासन का अगला कदम?

अब सवाल उठता है कि प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाता है?
क्या EE मोहन राम भगत के खिलाफ जांच या अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी? या एक बार फिर इस मामले को दबाने की कोशिश की जाएगी?

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