57 हजार शिक्षकों की भर्ती का था वादा, मोदी की गारंटी पूरा करने अब DMF का सहारा, नियमों में फंसे

छत्तीसगढ़ सरकार मोदी की गारंटी के तहत DMF फंड से शिक्षकों की भर्ती कर रही है। हालांकि, नियमों के तहत इस फंड से राज्य स्तर की योजनाओं का संचालन और वेतन देना मना है। शिक्षा अधिकारी वेतन देने में दिक्कत महसूस कर रहे हैं।

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VINAY VERMA
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Photograph: (The Sootr)

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RAIPUR.छत्तीसगढ़ में पीएम मोदी की गारंटी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने के लिए सरकार को DMF का सहारा लेना पड़ रहा है। नियमों के मुताबिक, इस फंड से न तो राज्य स्तर की योजना संचालित हो सकती है और न ही इससे वेतन दिया जा सकता है। इसके बावजूद राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए जिला स्तर पर शिक्षकों की नियुक्तियां कर रही हैं। इनका वेतन जिला खनिज न्यास निधि यानि डीएमएफ से दिया जाएगा। इधर जिलों के शिक्षा अधिकारी पूछ रहे कि नियम नहीं तो वेतन कैसे देंगे? 

बेमेतरा में शिक्षकों को निकाला गया

बेमेतरा जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल (छत्तीसगढ़ स्वामी आत्मानंद स्कूल) के 7 प्री-प्राइमरी शिक्षिकाओं सहित 11 कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इन्हें बुलाकर आदेश सौंपे गए। इनकी नियुक्ति वर्ष 2022-23 में की गई थी। 

इन सभी के मानदेय का भुगतान जिला खनिज न्यास फंड से किया जाता था। पिछले एक वर्ष से अधिक समय से वेतन का भुगतान नहीं हुआ था। इससे शिक्षिकाएं आर्थिक तंगी से गुजर रही थीं। उन्होंने कई बार जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।

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जिला खनिज न्यास फंड खर्च करने के नियम

जिला खनिज न्यास मद को लेकर केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने 15 जनवरी 2024 को संचालक भौमिकी तथा खनिकर्म को लेटर भेजा। नई गाइडलाइन के मुताबिक अब डीएमएफ से प्राप्त राशि दूसरे जिलों को स्थानांतरण नहीं किया जा सकेगा।

इसी तरह खनन प्रभावित क्षेत्र के 15 किलोमीटर के दायरे में आने वाले प्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र में खनिज न्यास मद की राशि में से 70 फीसदी राशि खर्च की जाएगी, जबकि खनन प्रभावित क्षेत्र के 25 किलोमीटर दूरी तक अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्रो में 30 फीसदी राशि खर्च किया जाएगा।

इन जिलों को राज्य सरकार ने भेजा पत्र

खनिज विभाग के संचालक ने खनन प्रभावित कोरबा जिला सहित दंतेवाड़ा, बालोद, बलौदा बाजार, रायगढ़, कांकेर, सूरजपुर और कोरिया जिला के कलेक्टर को पत्र लिखा है। इस नई गाइडलाइन को लागू करने के लिए प्रदेश के सभी 8 खनन प्रभावित जिलों के कलेक्टर से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है। 

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57 पदों पर भर्ती की थी योजना

पिछले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 57 हजार रिक्त पदों को भरने का वादा किया गया था। लेकिन, अब केवल 5000 शिक्षकों की नियमित भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। इसके अलावा जिला स्तर पर भर्तियां की जा रहीं हैं। लेकिन, जिला शिक्षा अधिकारियों को चिंता है कि वे इनका वेतन कैसे देंगे।

8 जिलों में ही शिक्षकों की नियुक्ति

केद्र सरकार के पत्र के अनुसार राज्य में केवल 8 जिले ही ऐसे हैं जहां खनिज के माध्यम से अच्छा खासा फंड आता है। इससे अन्य जिलों में या तो खनन नहीं हो रहा या आंशिक रुप से फंड मौजूद है। ऐसे में केंद्र सरकार की नई गाईडलाईन ने राज्य सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

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