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छत्तीसगढ़ में झारखंड में शराब घोटाले की पटकथा लिखी गई थी। अब इस मामले की जांच ने तेजी पकड़ ली है। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने तत्कालीन आबकारी सचिव और IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे से पूछताछ शुरू की। ACB की टीम उनके आवास पर पहुंची और फिर उन्हें अपने कार्यालय ले गई। सूत्रों के मुताबिक, चौबे से झारखंड में छत्तीसगढ़ की तर्ज पर लागू हुई आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं के बारे में सवाल-जवाब किए जा रहे हैं।
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छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले से जुड़ा है मामला
इस घोटाले की जड़ें छत्तीसगढ़ से जुड़ी हैं, जहां स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों और बड़े कारोबारियों की मिलीभगत सामने आई है। छत्तीसगढ़ में इस घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने शुरू की थी, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मामले को अपने हाथ में लिया। ED की जांच में पता चला कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला करने वाले सिंडिकेट ने ही झारखंड में नई आबकारी नीति लागू करवाकर उसी पैटर्न पर घोटाला किया।
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ED और ACB की कार्रवाई
ED की छत्तीसगढ़ इकाई ने IAS विनय चौबे को समन जारी कर पूछताछ की थी। चौबे ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि आबकारी नीति सरकार की सहमति से लागू हुई थी। हालांकि, झारखंड के एक व्यक्ति ने छत्तीसगढ़ EOW में FIR दर्ज कर आरोप लगाया कि छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट ने ही झारखंड में सुनियोजित घोटाला किया। इसके बाद ED ने अक्टूबर 2024 में चौबे सहित कई लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की। झारखंड ACB ने भी राज्य सरकार की अनुमति के बाद प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज कर जांच शुरू की है।
छत्तीसगढ़ में भी छापेमारी जारी
छत्तीसगढ़ में भी शराब घोटाले की जांच तेज है। मंगलवार को दुर्ग-भिलाई में कई ठिकानों पर छत्तीसगढ़ ACB ने छापेमारी की। दो दिन पहले पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई हुई थी। कवासी लखमा सहित कई बड़े अधिकारी वर्तमान में छत्तीसगढ़ की जेल में हैं।
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पाकिस्तान कनेक्शन का दावा
जांच में यह भी सामने आया है कि शराब घोटाले के तार कथित तौर पर ज्योति मल्होत्रा से जुड़े हैं, जिन्हें पाकिस्तान की ओर से भारत के खिलाफ साजिश रचने के लिए कुछ कार्य सौंपे गए थे। हालांकि, इस दावे की अभी पुष्टि नहीं हुई है। झारखंड और छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की यह जांच अब और गहरा रही है, जिसमें कई बड़े नामों का खुलासा होने की संभावना है।
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