निगम चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के कुनबे में कलह

कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव को जिला कमेटी ने पार्टी से बाहर करने की मांग की है। तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को हटाने को कहा है।

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Arun Tiwari
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नगरीय निकाय चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है। ये घमासान अब अंदरुनी न होकर बाहर तक आ गया है। कांग्रेस विधायक अटल श्रीवास्तव को जिला कमेटी ने पार्टी से बाहर करने की मांग की है। तो वहीं कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को हटाने को कहा है। प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर रायपुर से दिल्ली तक लॉबिंग शुरु हो गई है। बड़े नेताओं ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है। कांग्रेस की कलह की आग दिनों दिन भड़कती जा रही है। 

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कांग्रेस के कुनबे में कलह

नगरीय निकाय चुनाव में करारी हार के बाद पंचायत चुनाव में मिली पराजय के बाद कांग्रेस के कुनबे में कलह मच गई है। कांग्रेस के बड़े नेता हार की जिम्मेदारी नहीं ले रहे तो कार्यकर्ताओं की नाराजगी पार्टी के अंदर से बाहर आ गई है।

बिलासपुर के ग्रामीण जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी और शहर जिला अध्यक्ष विजय पांडे ने कोंटा विधायक अटल श्रीवास्तव को पार्टी से बाहर करने की सिफारिश प्रदेश अध्यक्ष से की है। केशरवानी ने कहा कि सोमवार को पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के सामने मुझसे दुर्व्यवहार किया था।

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वहीं विजय पांडे ने द सूत्र से बातचीत में कहा कि कोंटा विधायक ने निग चुनाव में भितरघात किया है। उन्होंने पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ काम कर उन्हें हराने का काम किया है। पत्र के मुताबिक अटल श्रीवास्तव ने विजय केशरवानी से कहा कि, तुमने मेरे पीठ पर छुरा घोंपा है। तंज कसते यह भी कहा कि, कलेक्टर को चपरासी निकाल रहा है।

दीपक बैज को हटाने की मांग

पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा ने पार्टी अध्यक्ष दीपक बैज की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए संगठन में तुरंत बदलाव की मांग की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को नहीं, हमारे मौजूदा संगठन को हार मिली है। पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को लेकर कहा कि, 4 चुनाव हार के बाद भी यदि इस्तीफा मांगा जाए तो शर्म की बात है।

नैतिकता नाम की भी कोई चीज होती है, दीपक बैज को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए।कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जरूरी है।कांग्रेस संगठन में बदलाव बहुत जल्द होना जरूरी है। बैज की कार्यप्रणाली से कोई खुश नहीं है।

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उन्होंने कहा कि जो भी नए अध्यक्ष आएंगे, उनसे बागियों को वापस लेने वाली लिस्ट को निरस्त करने की माँग करेंगे। साथ ही उम्मीद जताई कि संगठन में खरीद-फरोख्त की जांच के लिए जो मैंने पत्र लिख है, उस पर जांच होगी।


वहीं पार्टी ने कुलदीप जुनेजा को पीसीसी ने शो-कॉज नोटिस भेजा है। पार्टी ने उन्हें सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर पार्टी विरोधी बयान देने के लिए यह नोटिस भेजा है।

 

पीसीसी चीफ को लेकर लॉबिंग

लोकसभा और नगरीय निकाय चुनावों में हार के बाद कांग्रेस हाईकमान पर नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए दबाव बढ़ रहा है। पीसीसी अध्यक्ष के लिए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव का नाम चर्चा में आते ही प्रदेश के कई बड़े नेता लामबंद हो गए हैं। वे प्रदेश कांग्रेस की कमान किसी आदिवासी नेता को देने की मांग कर रहे हैं।


इस मुद्दे पर दिल्ली तक लॉबिंग शुरू हो चुकी है। जिसे लेकर सिंहदेव का कहना है कि किसी को सिर्फ जातीय या वर्गीय आधार पर पद नहीं मिलना चाहिए, बल्कि ये देखना जरूरी है कि कौन सबसे अच्छा नेतृत्व कर सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर राष्ट्रीय नेतृत्व से चर्चा के लिए दिल्ली पहुंच चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस समय दिल्ली में हैं। जबकि पूर्व मंत्री अमरजीत भगत और शिव डहरिया भी दिल्ली पहुंच गए हैं। इधर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम, विधायक लखेश्वर बघेल भी सक्रिय हो गए हैं।

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