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Photograph: (the sootr)
CG News.अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 40% फैकल्टी की कमी है। इसके कारण कॉलेज प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है। एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के सर्वे में कई कमियां पाई गईं हैं।
डिकल कॉलेज के सेटअप के अनुरूप प्राध्यापक, एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसरों की पोस्टिंग कम पाई गई है। इसके चलते इस वर्ष मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है।
कॉलेज में फैकल्टी की कमी
छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज की मान्यता वर्ष 2016 में मिली थी। इसके बाद से प्रबंधन को कई बार कमी और समस्याओं का सामना करना पड़ा है। एनएमसी के हालिया सर्वे के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसरों की कमी लगभग 40% है।
इस समय कॉलेज रेड जोन में है। अब एनएमसी ने कॉलेज को कमियों को समय पर दूर करने के निर्देश दिए हैं। कमियां समय पर दूर हो जाएगी तो सब ठीक रहेगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो एमबीबीएस की मान्यता पर असर पड़ सकता है।
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कॉलेज का भवन अधूरा, निर्माण में देरी
मेडिकल कॉलेज का भवन अभी भी अधूरा है। 9 साल बाद भी कॉलेज का खुद का भवन नहीं है। कॉलेज जिला चिकित्सालय भवन में संचालित हो रहा है। गंगापुर में नए भवन का निर्माण कार्य 40% अधूरा है। शासन ने 98 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है, लेकिन टेंडर न होने से काम में देरी हो रही है।
5 पॉइंट्स में समझें पूरी खबरफैकल्टी की कमी: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में 40% फैकल्टी की कमी है, जिससे एनएमसी ने कॉलेज को रेड जोन में रखा है। इस कमी के कारण एमबीबीएस की मान्यता पर खतरा है। एनएमसी की चेतावनी: एनएमसी ने कॉलेज को निर्देश दिया है कि फैकल्टी की कमी को जल्द दूर किया जाए, अन्यथा मान्यता पर असर पड़ सकता है। कॉलेज भवन अधूरा: मेडिकल कॉलेज का भवन 9 साल बाद भी अधूरा है। कॉलेज जिला चिकित्सालय भवन में संचालित है, और नए भवन का निर्माण 40% अधूरा है। मान्यता की स्थिति: इस वर्ष 125 सीटों के लिए एमबीबीएस मान्यता मिली थी, लेकिन फैकल्टी और भवन की कमी से सीटों की संख्या में कमी हो सकती है। डीन का बयान: कॉलेज के डीन डॉ. अविनाश मेश्राम ने कहा कि फैकल्टी की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है, ताकि मान्यता पर कोई असर न पड़े। | |
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एनएमसी ने दिए मान्यता पर खतरे के संकेत
इस वर्ष 125 सीटों के लिए एमबीबीएस मान्यता मिली थी। फैकल्टी की कमी और भवन के अधूरे होने से संख्या में कमी आ सकती है। एनएमसी द्वारा 15-20 जुलाई तक मान्यता संबंधी पत्र जारी किया जाएगा। एनएमसी का यह पत्र कॉलेज की भविष्यवाणी को प्रभावित कर सकता है।
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कमियों को किया जा रहा दूर
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अविनाश मेश्राम ने बताया कि कॉलेज में फैकल्टी की कमी को दूर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि एनएमसी के निर्देशों के बाद कमियों को दूर कर लिया जाएगा और मान्यता पर असर नहीं पड़ेगा।
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