एशिया का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट छत्तीसगढ़ में... आज से पूजा शुरू

आज से यानी 5 नवंबर से छठ पूजा शुरू हो गया है। छठ पूजा के पहले दिन (आज) नहाए-खाए से शुरुआत होगी। छत्तीसगढ़ समेत देशभर में छठ पूजा की तैयारियां बड़े धूमधाम से मनाई जा रही है।

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Kanak Durga Jha
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Asia largest permanent Chhath Ghat bilaspur Chhattisgarh
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Asia's Largest Chhath Ghat In Bilaspur : छठ महापर्व की तैयारियां देशभर में जोरों पर हैं। खासतौर पर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का तोरवा स्थित छठ घाट, एशिया का सबसे बड़ा और व्यवस्थित स्थायी छठ घाट होने का गौरव रखता है, जहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। यह घाट सात एकड़ में फैला हुआ है और यहां एक साथ 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु सूर्यदेव को अर्घ्य देकर छठ पूजा का आयोजन करते हैं।

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मुंबई का जुहू चौपाटी बनाम बिलासपुर का तोरवा छठ घाट


हालांकि, मुंबई के जुहू चौपाटी को क्षेत्रफल के हिसाब से देश का सबसे बड़ा छठ घाट माना जाता है, परंतु यह स्थायी नहीं है। इसके विपरीत, बिलासपुर का तोरवा घाट स्थायी है, जिसमें लाइटिंग, पार्किंग, सामुदायिक भवन, गार्डन और पुलिस चौकी जैसी सुविधाएं वर्षभर उपलब्ध रहती हैं। इसके साथ ही, छठ महापर्व के दौरान साफ-सफाई और सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाते हैं।

 

पर्व की शुरुआत और आयोजन की तिथियां


छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से 'नहाय-खाय' के साथ होगी। 6 नवंबर को 'खरना' मनाया जाएगा और इसके बाद 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 8 नवंबर को उदय अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा। इस चार दिवसीय आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे।

रविवार को कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने अरपा नदी किनारे बने तोरवा घाट का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने आयोजन समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर सभी तैयारियों पर चर्चा की और जिम्मेदारियां सौंपीं। विशेष रूप से साफ-सफाई, ट्रैफिक और पार्किंग के प्रबंध सुनिश्चित किए गए हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

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तोरवा घाट पर सांस्कृतिक समागम का केंद्र


यह छठ घाट न केवल अपनी भव्यता और स्थायित्व के लिए जाना जाता है, बल्कि यहां की महाआरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी खास आकर्षण होते हैं। इस वर्ष भी अरपा नदी के तट पर भव्य महाआरती का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।

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छत्तीसगढ़ में बढ़ता छठ महापर्व का उत्साह


छठ महापर्व की परंपरा मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में प्रचलित है। हालांकि, पिछले एक दशक में छत्तीसगढ़ में भी छठ पर्व का उत्साह तेजी से बढ़ा है। राज्य के कई शहरों में बिहार और पूर्वांचल से आए लोगों ने इसे लोकप्रिय बना दिया है, जिससे स्थानीय लोग भी अब इसे धूमधाम से मनाने लगे हैं। बिलासपुर के तोरवा घाट का यह आयोजन छत्तीसगढ़ में छठ महापर्व के उत्साह और श्रद्धा का प्रतीक बन गया है।

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