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Dongargarh Axis Bank Scam: डोंगरगढ़ स्थित एक्सिस बैंक में बैंकिंग धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। यहां के एक कर्मचारी उमेश गोरले ने बैंकिंग सिस्टम की तकनीकी जानकारी और ग्राहकों के विश्वास का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों रूपए की हेराफेरी की। वर्ष 2022 से 2025 तक तीन वर्षों तक चलती रही इस धोखाधड़ी में आरोपी ने 6 खाताधारकों से कुल 1 करोड़ 6 लाख रूपए की ठगी की है। कर्मचारी उमेश गोरले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
फर्जी ओवरड्राफ्ट और लोन खातों के जरिए ठगी
बैंक के अंदर रहकर काम कर रहे आरोपी ने ग्राहकों से लोन प्रक्रिया के नाम पर दस्तावेज और ओटीपी लेकर उनकी जानकारी के बिना ही फर्जी ओवरड्राफ्ट और लोन खाते खोल डाले। इन खातों से बड़ी रकम निकाल ली गई, जिसका ग्राहकों को तब पता चला जब वे खुद बैंक पहुंचे और उन्हें अपने ही खातों से रकम निकाले जाने की जानकारी मिली।
एक-एक कर सामने आई पीड़ितों की कहानी
इस फर्जीवाड़े का सबसे पहले खुलासा चंदमल अग्रवाल नामक खाताधारक ने किया, जिसने 9 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई। उसने बताया कि वर्ष 2023 में केसीसी लोन लिमिट बढ़ाने के नाम पर आरोपी ने उससे दस्तावेज लिए और ₹99 लाख का ओवरड्राफ्ट खाता खोलकर उसमें से ₹31 लाख की निकासी कर ली गई।
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जांच के बाद सामने आया कि अन्य खाताधारकों से भी इसी तरह ठगी की गई थी:
- मूलचंद कोसरिया: ₹30 लाख
- तीरथलाल पटेल: ₹1.5 लाख
- बालक दास: ₹15.60 लाख
- प्रमोद टेंभुलकर: ₹23.12 लाख
- राशि लोहिया: ₹32.63 लाख
एफआईआर और बैंक की कार्रवाई
शिकायतों के बाद एक्सिस बैंक प्रबंधन ने आरोपी को तत्काल निलंबित कर दिया और डोंगरगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। बैंक ने आरोपी को सेवा से भी हटा दिया है। शुरुआत में आरोपी ने पीड़ितों से अपनी गलती मानी और रकम लौटाने का भरोसा दिया, लेकिन बार-बार टालने और पैसे वापस न करने पर मामला दर्ज कराया गया।
आरोपी का भाई एएसआई, दबाव बनाने के आरोप
सूत्रों के अनुसार आरोपी उमेश गोरले का सगा भाई एएसआई (सहायक उप निरीक्षक) है, जो पीड़ितों को फोन कर शिकायत न करने का दबाव बना रहा था और पुलिस अधिकारियों से मिलकर एफआईआर दर्ज न करने की "सेटिंग" भी करता रहा। यही वजह रही कि अब तक आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई थी।
लेकिन अब जब मामला सार्वजनिक हुआ और रकम की बड़ी चोरी सामने आई तो पुलिस ने कार्रवाई तेज की है और आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
बैंकिंग सिस्टम पर उठे सवाल
इस घटना ने न केवल एक्सिस बैंक की साख को झटका दिया, बल्कि देश के बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर बैंक फ्रॉड बाहरी साइबर अपराधियों द्वारा किए जाते हैं, लेकिन यह मामला बैंक के भीतर बैठे कर्मचारी द्वारा किया गया फ्रॉड है, जो और भी खतरनाक है।
सूत्रों का मानना है कि यह घोटाला अभी 1.06 करोड़ तक सीमित नहीं है, बल्कि ₹10 करोड़ से अधिक का हो सकता है, क्योंकि कई अन्य खाताधारक भी अब सामने आ रहे हैं और बैंक प्रबंधन से संपर्क कर रहे हैं।
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एक्सिस बैंक में धोखाधड़ी डोंगरगढ़ एक्सिस बैंक स्कैम
1. तीन साल तक चला फर्जीवाड़ा 2. ग्राहकों से दस्तावेज और ओटीपी की ठगी 3. कर्मचारी निलंबित, FIR दर्ज 4. 6 खाताधारकों से हुई पुष्टि 5. बैंकिंग सुरक्षा पर गंभीर सवाल |
Dongargarh Bank Fraud online banking fraud
यह मामला छत्तीसगढ़ में अब तक की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी में से एक बन सकता है, जहां बैंक का ही कर्मचारी मासूम खाताधारकों को ठगता रहा। पुलिस अब जांच में जुटी है और भविष्य में इससे जुड़ी और भी परतें खुलने की उम्मीद है।
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