छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सली संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी) यानी सीपीआईएम और इससे संबंधित छह संगठनों पर प्रतिबंध जारी रखा है। ये आतंकी संगठन हैं। इन संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध की अवधि एक वर्ष और बढ़ा दी गई है। प्रदेश की विष्णुदेव सरकार ने यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम 2005 के तहत की है। इन संगठनों पर देश और राज्य विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है।
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सरकार ने जारी किया आदेश
प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी किया है कि सीपीआईएम से जुड़े छह संगठनों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। जिन संगठनों पर प्रतिबंध जारी रहेगा, उनमें दंडकारण्य आदिवासी किसान मजदूर संघ, क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ, क्रांतिकारी आदिवासी बालक संघ शामिल हैं। इसके अलावा क्रांतिकारी किसान कमेटी, महिला मुक्ति मंच, नेशनल रिवोल्यूशनरी पीपुल्स काउंसिल (जनताना सरकार) पर भी प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेगा।
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नक्सलियों के लिए करते हैं काम
सीपीआईएम से जुड़े सभी प्रतिबंधित संगठन प्रदेश में नक्सलियों के लिए काम करते हैं। इन संगठनों काम भले ही अलग अलग हो, लेकिन इनका मकसद नक्सलियों की मदद करना है। नक्सली देश का कानून नहीं मानते हैं और समांनांतर सरकार और व्यवस्था चलाते हैं। नक्सलियों को लोकतंत्र पर कोई भरोसा नहीं है। वे हथियार के दम पर काम करते हैं।
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आतंकी फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छत्तीसगढ़ आतंकी फंडिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की गई थी। इस दौरान एनआईए ने प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) से जुड़े फ्रंटल संगठन के शीर्ष नेता को गिरफ्तार किया था। मूलवासी बचाओ मंच एक आतंकी संगठन है। इस संगठन के नेता रघु मिडियामी पर आतंकी संगठनों के लिए धन जुटाने का आरोप था। मिडियामी द्वारा जुटाए गए फंड का उपयोग भारत विरोधी एजेंडे को बढ़ाने के लिए किया जा रहा था।
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