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नई रेल लाइन के लिए प्रशासन ने रायगढ़ जिले में जमीन की खरीदी बिक्री पर रोक लगा दी है। दरसल, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए 23 गांवों में जमीन की खरीदी-बिक्री और खाता विभाजन पर प्रशासन ने रोक लगाई है।
कलेक्टर अभिजीत सिंह ने खरसिया नया रायपुर परमालकसा परियोजना नई रेलवे लाइन में प्रभावित पाटन ब्लॉक के सम्मिलित गांवों ठकुराइनटोला, बठेना, देमार, अरसनारा, नवागांव, देवादा, सांतरा, मानिकचौरी, बोहारडीह, फेकारी, धौराभांठा तथा दुर्ग ब्लॉक के ग्राम घुघसीडीह, खोपली, बोरीगारका, पुरई, कोकड़ी, कोड़िया, भानपुरी, चंदखुरी, कोनारी, चंगोरी, बिरेझर, घनौद कुल 23 गांवों के निजी भूमि का खाता विभाजन, अंतरण, व्यपवर्तन, खरीदी-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
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भूमियों की खरीदी-बिक्री पर लगा प्रतिबंध
जिला प्रशासन का कहना है कि प्रभावित ग्रामीणों के हितों की रक्षा और परियोजना के कार्यान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए आगामी आदेश तक अस्थायी रूप से यह प्रतिबंधित किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि उप मुख्य अभियंता /निर्माण, बिलासपुर, द.पू.म.रेलवे, बिलासपुर के अनुसार खरसिया नया रायपुर-परमालकसा परियोजना अंतर्गत नई रेलवे लाइन का निर्माण किया जाना है। इस रेलवे लाइन के निर्माण में जिले के दुर्ग और पाटन ब्लॉक के कुल 23 गांवों की निजी और शासकीय जमीन प्रभावित होगी।
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प्रस्तावित रेलवे लाइन की जानकारी होने के बावजूद कुछ लोग और दलाल बिना किसी वैध अनुमति या कानूनी जांच के जमीन के लेन-देन में लिप्त हो गए हैं। इससे न केवल ग्रामीणों को भविष्य में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि इस महत्वपूर्ण सार्वजनिक परियोजना के क्रियान्वयन में भी बाधा उत्पन्न हो सकती है। रेलवे लाइन के अभिसरण क्षेत्र में आने वाली सभी भूमियों की खरीदी-बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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भू माफियाओं के कारण शासन को नुकसान
अर्जन के अधीन भूमि का बटांकन, छोटे टुकड़ों में अंतरण और प्रयोजन में परिवर्तन के कारण भूमि अर्जन की लागत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इस प्रक्रिया में मूल भूमि स्वामी को समुचित लाभहोने के बजाय भूमि की खरीद बिक्री में संलिप्त बिचौलियों और भू-माफियाओं द्वारा लाभ अजित किया गया है। भूमि के अवैधानिक अंतरण के कारण शासन को आर्थिक क्षति तो होती ही है। विवाद के मामले भी बढ़ते हैं।
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