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Bangladeshi Couple Arrested: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिछले 35 साल से फर्जी दस्तावेजों के सहारे रह रहे बांग्लादेशी दंपती को पश्चिम बंगाल की भारत-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। दंपती कथित रूप से छत्तीसगढ़ पुलिस के बढ़ते निगरानी अभियान के चलते बांग्लादेश भागने की फिराक में था, लेकिन सीमा पार करने से पहले ही पकड़ा गया।
यह दंपती मूल रूप से बांग्लादेश के राजशाही जिले के बीरकुत्सा गांव का निवासी है। पिछले तीन दशकों से रायपुर में अवैध रूप से रह रहा था, जहां इन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारतीय नागरिक बनकर जीवन गुजारा।
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कैसे हुआ खुलासा?
घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के हिली सेक्टर की है, जहां बीएसएफ की 123वीं बटालियन ने गश्त के दौरान महिला जैनब शेख (50 वर्ष) को सीमा पार करने की कोशिश करते हुए पकड़ लिया। बीएसएफ के जवानों ने पूछताछ की, जिसमें महिला ने बांग्लादेशी नागरिक होने की बात कबूल की।
इसके बाद बीएसएफ ने उसके पति शेख इमरान (55 वर्ष) को भी हिरासत में लिया, जो हिली लैंड पोर्ट से वैध पासपोर्ट और वीजा के माध्यम से बांग्लादेश में प्रवेश की तैयारी में था।
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क्या-क्या फर्जी दस्तावेज बनाए गए?
जांच में सामने आया है कि दंपती ने रायपुर में रहते हुए आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड जैसे भारतीय पहचान पत्र बनवाए थे। शेख इमरान ने भारतीय पासपोर्ट तक हासिल कर लिया था।
जैनब शेख ने भी तीन बार पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, लेकिन दस्तावेजों की कमी के चलते वह असफल रही।
क्यों भागने की कोशिश कर रहे थे?
हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस ने अवैध प्रवासियों की पहचान के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। इस मुहिम के तहत जब शेख इमरान और जैनब की गतिविधियों पर संदेह हुआ, तो उन्हें गिरफ्तारी का डर सताने लगा। इसी वजह से दंपती ने बांग्लादेश लौटने की योजना बनाई, पर सीमा पार करने से पहले ही धर दबोचे गए।
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क्या हो रही है कानूनी प्रक्रिया?
दोनों को हिली थाना पुलिस के हवाले कर दिया गया है। उन्हें बालुरघाट कोर्ट में पेश किया गया है, जहां विदेशी नागरिकों से जुड़े कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। भारतीय दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर इनके खिलाफ गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो सकता है।
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क्या है बड़ी चिंता?
यह मामला केवल एक दंपती तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अवैध प्रवासियों की गहरी और संगठित घुसपैठ की ओर इशारा करता है। छत्तीसगढ़ में फर्जी दस्तावेजों के जरिए रह रहे अन्य अवैध प्रवासियों की तलाश तेज कर दी गई है। यह कार्रवाई राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों के तहत की जा रही है।
यह गिरफ्तारी न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में फर्जी दस्तावेजों के दम पर रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए चेतावनी है। DGP और स्थानीय प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा अवैध प्रवासी विरोधी अभियान अब ठोस नतीजे देने लगा है। सरकार अब इस दिशा में और सख्त कदम उठाने की तैयारी में है, ताकि ऐसे मामलों को रोका जा सके।
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