बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ जारी निर्णायक लड़ाई के दौरान मुठभेड़ों में नक्सली कमांडरों की मौत के बाद नक्सल संगठन में दरार पड़ती दिखने लगी है। दक्षिण बस्तर में सुरक्षाबलों की आक्रामकता से निचले कैडर के नक्सलियों में दहशत है। इसी दहशत के चलते नक्सलियों का आत्मसमर्पण लगातार जारी है। इसी बीच शुक्रवार को सुकमा जिले में 9 महिला समेत 22 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद राजपुरोहित के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
समर्पित नक्सली माड़ डिवीजन व नुआपाडा डिवीजन में बीते लंबे समय से काम कर रहे थे। सरेंडर करने वालों में नक्सली दंपत्ति भी शामिल हैं, जिन पर 8-8 लाख रूपए का ईनाम घोषित है। एक पुरूष व एक महिला नक्सली पर 5-5 लाख, 2 पुरूष व 5 महिला पर 2-2 लाख, 1 पुरूष नक्सली पर 50 हजार, इस तरह कुल 40.50 लाख रूपए का ईनाम समर्पित नक्सलियों पर घोषित है।
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि राज्य सरकार की नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति व नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर और अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार नए कैंपों की स्थापना के कारण क्षेत्र में फोर्स के बढ़ते दबाव के कारण नक्सली समर्पण कर रहे हैं। शुक्रवार को माड़ व नुआपाड़ा डिवीजन के सक्रिय नक्सलियों ने समर्पण किया है।
सुकमा जिले में कितने नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उनमें कितनी महिलाएं शामिल थीं?
सुकमा जिले में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 9 महिला नक्सली भी शामिल थीं।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल कितना इनाम घोषित था?
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कुल ₹40.50 लाख का इनाम घोषित था। इनमें से कुछ पर ₹8 लाख, ₹5 लाख, ₹2 लाख और ₹50 हजार तक के इनाम थे।
पुलिस अधीक्षक के अनुसार नक्सली क्यों आत्मसमर्पण कर रहे हैं?
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के अनुसार, राज्य सरकार की पुनर्वास नीति, नियद नेल्ला नार योजना, और अंदरूनी इलाकों में सुरक्षा बलों के नए कैंपों की स्थापना के चलते नक्सली दबाव में आकर आत्मसमर्पण कर रहे हैं।