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Bhilai 89 crore fraud: गुजरात के गांधीधाम निवासी व्यवसायी से 89 करोड़ रुपए की बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। भिलाई के दो कोयला व्यापारियों को गुजरात पुलिस ने आखिरकार पकड़ लिया है। आरोपियों को दुर्ग जिले के कुरूद से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार व्यापारियों के नाम संजय अग्रवाल और सचिन अग्रवाल हैं। वहीं, उनके अन्य साथी संदीप अग्रवाल और राखी अग्रवाल अब भी फरार हैं।
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मामला कैसे शुरू हुआ?
गांधीधाम निवासी व्यवसायी पवन मोर ने बताया कि भिलाई के नेहरू नगर के रहने वाले संजय, सचिन, संदीप और राखी अग्रवाल ने उन्हें कोक एक्सपोर्ट में निवेश करने का झांसा दिया। उन्होंने कहा कि निवेश से भारी मुनाफा मिलेगा। इसी बहाने उन्होंने पवन मोर से 89 करोड़ रुपए ले लिए।
लेकिन जब निवेश से रिटर्न नहीं आया और रकम वापसी की मांग की गई, तो आरोपी टालमटोल करने लगे। आखिरकार, 8 फरवरी 2025 को पवन मोर ने गुजरात के गांधीधाम बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में सभी आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई।
गिरफ्तारी कैसे हुई?
शिकायत दर्ज होने के बाद से सभी आरोपी फरार हो गए थे। गुजरात पुलिस लगातार इनकी तलाश में थी। 17 सितंबर 2025 को गुजरात पुलिस की टीम दुर्ग जिले के कुरूद पहुंची और यहां एक भाजपा नेता के रिश्तेदार के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान संजय और सचिन अग्रवाल छिपे हुए मिले, जिन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
राजनीतिक संरक्षण का आरोप
पीड़ित पवन मोर ने बड़ा आरोप लगाया है कि राजनीतिक संरक्षण मिलने की वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी हुई। उन्होंने यह भी कहा कि यदि समय पर कार्रवाई होती, तो और लोग ठगी का शिकार होने से बच जाते।
अन्य शहरों में भी ठगी का जाल
गुजरात पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों पर केवल गांधीधाम ही नहीं बल्कि अहमदाबाद, मुंबई और कोलकाता में भी लगभग 200 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि इनके नेटवर्क से और भी बड़े घोटाले सामने आ सकते हैं।
भिलाई ठगी मामला क्या है?
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आगे की कार्रवाई
फिलहाल, गुजरात पुलिस ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों को रिमांड पर लिया है ताकि उनसे पूछताछ कर बाकी फरार आरोपियों तक पहुंचा जा सके। साथ ही, अन्य शहरों में हुई ठगी की जांच भी तेज की जा रही है। यह मामला सिर्फ गांधीधाम के व्यापारी का नहीं, बल्कि देशभर में निवेश के नाम पर फैले धोखाधड़ी के बड़े नेटवर्क की परतें खोल सकता है।