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Durg Job Fraud Case: छत्तीसगढ़ के दुर्ग छावनी थाना क्षेत्र में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले दो भाइयों को उत्तरप्रदेश की पुलिस उठाकर ले गई। प्रारंभ में दोनों भाइयों के पिता ने अपहरण का शोर मचाया और छावनी थाना पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
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अपहरण की जानकारी के बाद पुलिस में हड़कंप
गुरुवार की रात, सुभाष चौक के निवासी शिवशंकर शाह ने छावनी थाना में अपनी शिकायत में बताया कि उनके दोनों बेटे विष्णु शाह (31 वर्ष) और शुभम शाह (27 वर्ष) को एक सफेद रंग की कार में आए किडनैपरों ने उठा लिया था। उन्होंने इस घटना को अपहरण मानते हुए पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें एक सफेद रंग की कार यूपी-63बीएन-33 दिखी। जांच में यह सामने आया कि यह कार उत्तरप्रदेश के अंबेडकर नगर की पुलिस की थी।
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उत्तरप्रदेश पुलिस ने बताया - ठगी में फरार थे दोनों भाई
जांच के दौरान पता चला कि यह दोनों भाई ठगी के एक बड़े मामले में फरार थे। उत्तरप्रदेश की राजेसुल्तानपुर थाना पुलिस ने खुलासा किया कि दोनों भाइयों पर फर्जी नौकरी और वीजा बनाने के आरोप थे। इन दोनों के खिलाफ अंबेडकर नगर के राजेसुल्तानपुर थाना में 80 लाख रूपए की ठगी के मामले में केस दर्ज था। इसके अलावा, दोनों पर कई गंभीर धाराएं भी लगाई गईं, जिनमें धारा 316(2), 319(2), 318(4), 338, 336(3), और 340(2) बीएनएस शामिल हैं।
फर्जी वीजा और नौकरी की ठगी का आरोप
पुलिस ने बताया कि दोनों भाई "अरबियन इंटर प्राइजेस" नामक एक ब्रांच से जुड़े हुए थे, जो लोगों को विदेश भेजने का दावा करती थी। इस कंपनी के मालिक अजय साहनी और उसके सहयोगियों ने लोगों से विदेश भेजने के नाम पर पैसा लिया, लेकिन बाद में उन्होंने कंपनी बंद कर दी और पैसे लेकर फरार हो गए। दोनों भाइयों पर आरोप है कि वे इस ठगी में शामिल थे, और उन्होंने लोगों को फर्जी वीजा और फ्लाइट टिकट बनाने के नाम पर पैसे ठगे थे।
शिवशंकर शाह का बयान
शिवशंकर शाह ने पुलिस को बताया कि उनके दोनों बेटे इंजीनियरिंग पढ़ाई के बाद ठेला लगाकर अंडा रोल बेचते थे। वे मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे और बीच-बीच में अपने मामा के घर भी जाते थे। शिवशंकर ने यह भी बताया कि शुभम कुछ समय पहले श्रीलंका भी जा चुका था।
दुर्ग किडनैपिंग केस: मुख्य बिंदु
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पुलिस की जांच जारी
छावनी थाना पुलिस ने बताया कि दोनों भाइयों पर आरोप है कि उन्होंने 80 लाख रुपये की ठगी की और इनकम प्राप्त करने के लिए कई लोगों से पैसे लिए। यह जांच अब भी जारी है, और पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उत्तरप्रदेश पुलिस से सहयोग मांगा है।
इस घटना से एक बात तो साफ हो गई है कि दोनों भाइयों की गिरफ्तारी केवल अपहरण के संदर्भ में नहीं, बल्कि एक बड़े ठगी मामले से जुड़ी हुई थी। पुलिस अब इस मामले में ठगी के आरोपियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है, और मामले में और भी खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।