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Balod cyber fraud case:छत्तीसगढ़ के बालोद जिले की पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जो व्हाट्सऐप पर APK फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल हैक कर लाखों रुपए की ठगी कर रहे थे।
क्या है बालोद साइबर ठगी केस?
डौंडीलोहारा थाना क्षेत्र के ग्राम सहगांव निवासी एक रिटायर्ड बीएसपी कर्मचारी को ठगों ने निशाना बनाया। ठगों ने उनके मोबाइल को हैक कर लगभग 12 लाख रुपए उड़ा लिए। बालोद पुलिस ने तकनीकी जांच और ट्रैकिंग के जरिए सिर्फ एक महीने के भीतर इस गिरोह का सुराग लगाया और बिहार से गिरफ्तार कर लिया।
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कैसे करते थे ठगी?
गिरोह व्हाट्सऐप मैसेज के जरिए लोगों को सरकारी योजनाओं (प्रधानमंत्री आवास योजना, किसान सम्मान निधि) के नाम से फर्जी APK फाइल भेजते थे। जैसे ही कोई शिकार फाइल ओपन करता, उसका व्हाट्सऐप और पूरा मोबाइल हैक हो जाता।
यदि नंबर बैंक खाते से जुड़ा होता तो ठग तुरंत उसका ई-सिम बनाकर बैंक खाता खाली कर देते। वही फाइल पीड़ित के कॉन्टैक्ट लिस्ट में भी चली जाती, जिससे उसके रिश्तेदार और दोस्त भी शिकार बनते।
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आरोपी कौन हैं?
- अरविंद कुमार दास (18 वर्ष) – बिहार के जमुई जिले का निवासी। झारखंड के देवघर में साइबर ठगों से हैकिंग की ट्रेनिंग ली थी।
- नीतीश कुमार दास (22 वर्ष) – अरविंद का जीजा। व्हाट्सऐप पर फर्जी कॉन्टैक्ट नंबर और APK फाइल भेजकर लोगों को झांसे में लेता था।
- राकेश कुमार दास (21 वर्ष) – नीतीश का भाई। शादी के बाद DJ साउंड सर्विस शुरू करने का सपना देख रहा था और ठगी के पैसों से कार की किस्त व लैपटॉप खरीदा।
सरगना कौन है?
गिरोह का असली मास्टरमाइंड अब भी पकड़ से बाहर है। वह व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए कॉन्टैक्ट नंबर और APK फाइल ठगों तक पहुंचाता था। सफल ठगी होने पर वह सिर्फ 15% कमीशन अपने साथियों को देता था। डौंडीलोहारा केस में 12 लाख की ठगी में आरोपियों को सिर्फ 1.20 लाख रुपए मिले।Cyber fraud
पुलिस की कार्रवाई
बालोद एसपी योगेश कुमार पटेल ने बताया कि साइबर ठगी में उपयोग की गई कार, मोबाइल, लैपटॉप और डिजिटल बैंक कार्ड जब्त किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस इस गिरोह के मुख्य सरगना तक पहुंचने की तैयारी में है।
बालोद पुलिस ने बिहार से पकड़ा साइबर ठगी गिरोह
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यह मामला साइबर अपराधियों की नई ठगी तकनीक को उजागर करता है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध APK फाइल या लिंक को कभी भी क्लिक न करने की अपील की है।
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