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CG Naxal News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बासागुड़ा थाना और गंगालूर थाना की सीमा पर सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बड़ी सफलता हासिल की। इस मुठभेड़ में 2 नक्सली मारे गए, जिनकी पहचान हिड़मा पोडियम और मुन्ना मड़कम के रूप में हुई है। दोनों पर 8-8 लाख रूपए का इनाम घोषित था, जिससे कुल मिलाकर 16 लाख रूपए का इनाम था। वहीं 1 करोड़ की इनामी महिला नक्सली सुजाता से पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सलियों से हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की।
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बीजापुर नक्सल एनकाउंटर में मारे गए नक्सली
मारे गए नक्सलियों में हिड़मा पोडियम (34 वर्षीय) पीपीसीएम कंपनी नंबर 02 का सदस्य था, जिस पर 8 लाख रूपए का इनाम था। वहीं, मुन्ना मड़कम (25 वर्षीय) नंबर 01 सदस्य था, जिस पर भी 8 लाख रूपए का इनाम था। इन नक्सलियों के मारे जाने से नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा है और सुरक्षा बलों की मेहनत को बड़ी सफलता मिली है।
मुठभेड़ स्थल से बरामद सामग्री
मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के पास से कई हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की। बरामद किए गए सामान में शामिल हैं:
- 1 नग – 303 रायफल
- 1 नग – 12 बोर बंदूक
- 4 नग – जिंदा राउंड
- बैटरी, कार्डेक्स वायर, स्केनर सेट
- विस्फोटक सामग्री
- प्रतिबंधित नक्सल संगठन के अन्य सामान
यह बरामदगी इस मुठभेड़ की सफलता को और भी महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि इससे नक्सलियों की आपूर्ति श्रृंखला को भी नुकसान पहुंचा है।
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कुख्यात महिला नक्सली सुजाता का सरेंडर
बीजापुर मुठभेड़ में सुरक्षा बलों की सफलता के बीच, छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन को एक और बड़ी सफलता मिली। छत्तीसगढ़ के नक्सल मोर्चे में एक करोड़ रूपए के इनामी महिला नक्सली सुजाता ने तेलंगाना में सरेंडर कर दिया है।वह 43 साल से नक्सल संगठन की सक्रीय सदस्य रही है।
सुजाता दक्षिण बस्तर में लंबे समय से सक्रिय थी और माओवादी संगठन की सीसी सदस्य थी। वह नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी थी, जो कुछ साल पहले पश्चिम बंगाल में मुठभेड़ के दौरान मारा गया था। सुजाता पर कई राज्यों में लाखों रुपये का इनाम घोषित था।
माओवादी संगठन को लगातार झटके
सुरक्षा बलों द्वारा लगातार चलाए जा रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशनों ने माओवादी संगठन को एक के बाद एक बड़ा झटका दिया है। दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस एनकाउंटर में 10 नक्सली मारे गए थे, जिनमें एक करोड़ रुपये का इनामी मनोज उर्फ बालकृष्ण भी शामिल था। इसी प्रकार, बीजापुर में दो नक्सलियों की मौत के बाद, सुरक्षा बलों का मनोबल और बढ़ा है।
नक्सलवाद के खिलाफ बढ़ती सफलता
बीजापुर में मारे गए नक्सलियों और सुजाता के सरेंडर से छत्तीसगढ़ के नक्सल विरोधी अभियान को नई ताकत मिली है। बस्तर संभाग में सुरक्षा बलों के लगातार दबाव और ऑपरेशनों के कारण माओवादी संगठन बुरी तरह से कमजोर हो चुका है। अब, सुरक्षा बलों को नक्सलवाद के खिलाफ इस महत्वपूर्ण अभियान में और सफलता की उम्मीद है।
बीजापुर की मुठभेड़ में दो माओवादियों के ढेर होने के साथ-साथ, सुजाता का सरेंडर नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की बड़ी जीत है। यह छत्तीसगढ़ में माओवादी संगठन के खिलाफ सुरक्षा बलों की बढ़ती दहशत और प्रभाव को साबित करता है। अब, नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशनों में और भी सफलता की उम्मीद जताई जा रही है।