कांग्रेस की बैठक में भूपेश बघेल सीनियर नेताओं पर भड़के, मुख्यमंत्री को सीधे करें टारगेट

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की कार्यशैली पर जमकर नाराजगी जाहिर की। राजीव भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में बघेल ने नेताओं की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाया।

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Krishna Kumar Sikander
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Bhupesh Baghel got angry at senior leaders in Congress meeting the sootr
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छत्तीसगढ़ कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की कार्यशैली पर जमकर नाराजगी जाहिर की। राजीव भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में बघेल ने नेताओं की चुप्पी और निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए स्पष्ट संदेश दिया कि यदि कांग्रेस को जनता के बीच मजबूत उपस्थिति दर्ज करानी है, तो राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर निशाना बनाना होगा।

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बघेल का तीखा तेवर, 'चुप्पी तोड़े नेतागण'

सूत्रों के अनुसार, भूपेश बघेल ने बैठक में कहा, "हमारे कुछ सीनियर नेता मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के खिलाफ सीधा हमला करने से कतराते हैं। चाहे वह मीडिया में बयान देने की बात हो, सोशल मीडिया पर सक्रियता हो, सड़कों पर उतरकर विरोध करने की बात हो या फिर विधानसभा में सरकार को घेरने की, कुछ नेता बड़े मौकों पर खामोश रहते हैं या औपचारिक विरोध तक सीमित रहते हैं।" बघेल ने जोर देकर कहा कि अगर कांग्रेस को जनहित के मुद्दों पर मजबूती से लड़ना है, तो सरकार और मुख्यमंत्री को सीधे टारगेट करना होगा। उनकी यह टिप्पणी पार्टी के भीतर नेताओं की निष्क्रियता को लेकर एक बड़े असंतोष का संकेत देती है।

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सीनियर नेताओं की नाराजगी

बैठक में कुछ सीनियर नेताओं ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि पार्टी उन्हें कोई ठोस जिम्मेदारी नहीं सौंप रही है, जिसके कारण उनका अनुभव और योगदान अप्रयुक्त रह जा रहा है। एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "सीनियर नेताओं की उपेक्षा हो रही है। उनके अनुभवों का लाभ उठाने के बजाय, उनकी पूछ-परख तक नहीं हो रही। ऐसे में संगठन में समन्वय कैसे स्थापित होगा?" यह टिप्पणी पार्टी के भीतर समन्वय की कमी और नेतृत्व के बीच तालमेल की चुनौतियों को उजागर करती है।

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सचिन पायलट की मौजूदगी में हुई बैठक

यह बैठक रायपुर के राजीव भवन में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रभारी सचिन पायलट की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। करीब डेढ़ घंटे तक चली इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता शामिल रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा राज्य में संगठन को मजबूत करना और आगामी रणनीतियों पर चर्चा करना था, लेकिन बघेल की टिप्पणियों और सीनियर नेताओं की शिकायतों ने माहौल को गरमा दिया।

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पार्टी के सामने चुनौतियां

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस इस समय सत्ता से बाहर है और संगठनात्मक स्तर पर कई चुनौतियों का सामना कर रही है। भूपेश बघेल, जो 2018-2023 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे, पार्टी के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं। उनकी यह टिप्पणी न केवल सीनियर नेताओं के लिए एक चेतावनी है, बल्कि पार्टी के भीतर एकजुटता और आक्रामक रणनीति की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। बघेल का मानना है कि जनता के बीच कांग्रेस की विश्वसनीयता तभी बढ़ेगी, जब पार्टी सरकार की नीतियों और कमियों को लेकर मुखर होकर सामने आए।

बेहतर समन्वय की जरूरत

यह बैठक कांग्रेस के लिए एक आत्ममंथन का अवसर साबित हो सकती है। सीनियर नेताओं की नाराजगी और बघेल की दो-टूक टिप्पणियां इस बात का संकेत हैं कि पार्टी को अपने संगठनात्मक ढांचे में सुधार और नेताओं के बीच बेहतर समन्वय की जरूरत है। सचिन पायलट की मौजूदगी में हुई इस बैठक के बाद यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ में अपनी रणनीति को कैसे लागू करती है और क्या वह सरकार के खिलाफ और आक्रामक रुख अपनाती है।

पार्टी के भीतर की खींचतान उजागर

छत्तीसगढ़ कांग्रेस की यह बैठक न केवल पार्टी के भीतर की खींचतान को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भूपेश बघेल जैसे नेता संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच अपनी पकड़ बनाने के लिए आक्रामक रणनीति पर जोर दे रहे हैं। सीनियर नेताओं की नाराजगी और जिम्मेदारी के बंटवारे को लेकर उठे सवालों का समाधान कैसे होता है, यह कांग्रेस की भविष्य की दिशा तय करेगा।

FAQ

भूपेश बघेल ने कांग्रेस की बैठक में किन मुद्दों पर नाराजगी जताई?
भूपेश बघेल ने बैठक में पार्टी के कुछ सीनियर नेताओं की निष्क्रियता और सरकार के खिलाफ मुखर न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस को जनता के बीच मजबूत बनाना है तो राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को सीधे तौर पर निशाना बनाना होगा।
सीनियर नेताओं ने बैठक में किस प्रकार की शिकायतें कीं?
सीनियर नेताओं ने शिकायत की कि पार्टी उन्हें कोई ठोस जिम्मेदारी नहीं दे रही, जिससे उनका अनुभव और योगदान संगठन के लिए अप्रयुक्त रह गया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी उपेक्षा हो रही है, जिससे संगठन में समन्वय की कमी हो रही है।
बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था और उसमें क्या खास हुआ?
बैठक का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन को मजबूत करना और भविष्य की रणनीति तय करना था। हालांकि, बैठक में भूपेश बघेल की तीखी टिप्पणी और सीनियर नेताओं की नाराजगी के कारण माहौल गरमा गया और पार्टी के भीतर खींचतान उजागर हो गई।

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