पूर्ववर्ती भूपेश सरकार की योजनाओं को अब छत्तीसगढ़ में पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद पूर्ववर्ती भूपेश बघेल की 18 योजनाओं को विष्णुदेव साय सरकार ने बंद कर दिया है। इनमें से कुछ योजनाएं बस नाम के लिए थी, इन योजनाओं का कोई अस्तित्व नहीं था। इस नाम भर की योजनाओं में गौठान और गोबर खरीदी योजना जैसे कुछ योजनाएं शामिल थी।
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गोठान में गायों की हो रही थी मौत
जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तब भूपेश बघेल ने कई योजनाएं लागू की थी। इन योजनाओं में गौठान और गोबर खरीदी योजना प्रसिद्ध थी। लेकिन, गोठान में गौवंशों की मौत हो रही थी। गोठान में गौवंशों का ठीक से देख-रखाव नहीं किया जाता था। इसके चलते कई गौवंशों की मौत हो जाती थी। जब इसका खुलासा हुआ तो भूपेश सरकार की इस योजना को विफल साबित किया गया। आखिर में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस योजना को बंद कर दिया गया है।
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मीसा बंदियों को फिर से मिलेगी पेंशन
प्रदेश में जब रमन सिंह की सरकार थी, तब मीसा बंदियों को पेंशन दिया जाता था। लेकिन, कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार आते ही मीसा बंदियों को पेंशन मिलना बंद हो गया। अब इस योजना को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार में फिर से शुरू किया गया है। इसके साथ ही कई पुरानी योजना जिन्हें भूपेश बघेल ने बंद कर दिया था उन्हें फिर से लागू किया जा रहा है। इन योजनाओं में मुख्यमंत्री चरण पादुका, संचार क्रांति योजना, सरस्वती साइकिल योजना, अन्नपूर्णा दाल भारत केंद्र, मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण, राजिम कुंभ कल्प, मुख्यमंत्री सोलर लैंप जैसी योजनाएं शामिल हैं।
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ये योजनाएं बंद
भूपेश सरकार की नरवा, गरवा, घुरवा बारी, मुख्यमंत्री वार्ड कार्यालय, मुख्यमंत्री महतारी दुलार, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन, धरसा विकास, शहरी गरीबों को पट्टा एवं आवास, छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक, मुख्यमंत्री सुपोषण योजना को प्रदेश में बंद कर दिया गया है।
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