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Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। सरकार की “पूना नारगेम योजना” और नक्सली पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कंपनी नंबर 01 के पीपीसीएम और 8 लाख के इनामी नक्सली सहित कुल 51 नक्सलियों ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है।
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इन 51 आत्मसमर्पित नक्सलियों में 20 ऐसे नक्सली शामिल हैं जिन पर कुल 66 लाख रुपए का इनाम घोषित था। पुलिस के अनुसार ये सभी नक्सली लंबे समय से फायरिंग, आईईडी ब्लास्ट, रोड ब्लॉक, आगजनी और पुलिस बलों पर हमले जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पण समारोह में मौजूद रहे अधिकारी
आत्मसमर्पण बीजापुर पुलिस लाइन परिसर में किया गया, जहां सीआरपीएफ डीआईजी बी.एस. नेगी, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यूलेण्डन यार्क, डीएसपी शरद जायसवाल, और उप पुलिस अधीक्षक विनीत साहू सहित कई अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर अधिकारियों ने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपए नगद प्रोत्साहन राशि दी और उन्हें मुख्यधारा में लौटने तथा समाज की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।
आत्मसमर्पण का कारण - सरकार की नीति का असर
अधिकारियों का कहना है कि “पूना नारगेम, पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन” योजना ने नक्सलियों को हथियार छोड़ने के लिए प्रेरित किया है। यह योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति और विकास का रास्ता खोलने में अहम भूमिका निभा रही है। नक्सली अब महसूस कर रहे हैं कि हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की मुख्यधारा से जुड़ना ही भविष्य के लिए सही निर्णय है।
नक्सल मोर्चे पर बड़ी कामयाबी
बीजापुर जिले में यह आत्मसमर्पण पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक कुल 461 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि 485 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। इसके अलावा, 138 नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार की नीतियां और सुरक्षा बलों की रणनीति लगातार नक्सल संगठन को कमजोर कर रही हैं।
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आत्मसमर्पण करने वालों को मिलेगा पुनर्वास का लाभ
सरकार की नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को न केवल आर्थिक सहायता दी जाएगी, बल्कि उन्हें रोजगार प्रशिक्षण, आवास और सामाजिक पुनर्वास योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। पुलिस का कहना है कि जो नक्सली सच्चे मन से समाज में लौटना चाहते हैं, उन्हें हर संभव मदद दी जाएगी ताकि वे शांति, शिक्षा और रोजगार के रास्ते पर आगे बढ़ सकें।
अधिकारियों की अपील
पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों ने जंगलों में छिपे अन्य नक्सलियों से भी हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अब नक्सल आंदोलन के शीर्ष नेताओं की संख्या बहुत कम रह गई है और संगठन बिखर चुका है। ऐसे में जो नक्सली अभी भी हथियार उठाए हुए हैं, वे शांति का मार्ग अपनाकर अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।
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