Bijapur: दशहरा से पहले नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या... लगाया जासूसी का आरोप

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में दशहरा से ठीक पहले माओवादी एक ग्रामीण मड़कम भीमा की बेरहमी से हत्या कर गए। मुखबिरी के आरोप में अंजाम दी गई इस वारदात ने पूरे गांव में डर का माहौल पैदा कर दिया।

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Harrison Masih
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Bijapur. छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में माओवादियों ने एक बार फिर अपनी कायराना हरकत से ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। दशहरा से ठीक पहले हुई इस वारदात में नक्सलियों ने ग्राम पुजारीकांकेर के निवासी मड़कम भीमा को उसके घर से बाहर निकालकर बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया। इस घटना ने न केवल गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है, जबकि पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।

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घटना का विवरण

मृतक की पहचान मड़कम भीमा के रूप में हुई है, जो बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम पुजारीकांकेर का निवासी था। घटना 1 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे की है, जब माओवादी उसके घर पहुंचे और उसे जबरन बाहर निकालकर धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी। इस निर्मम वारदात ने पूरे गांव को दहशत में डुबो दिया है।

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कारण और संदर्भ

जानकारी के मुताबिक, माओवादियों ने मड़कम भीमा पर पुलिस का मुखबिर होने का आरोप लगाया था, जिसके चलते उसकी हत्या की गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत और भय का माहौल बन गया है। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। वहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पुलिस मामले की तहकीकात कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

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बीजापुर में ग्रामीण की हत्या: ऐसे समझें मामला

  1. वारदात का समय और जगह – घटना 1 अक्टूबर की रात बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम पुजारीकांकेर में हुई।

  2. नक्सलियों ने की ग्रामीण की हत्या – नक्सलियों ने ग्रामीण मड़कम भीमा को उसके घर से जबरन बाहर निकाला और धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी।

  3. मुखबिरी का आरोप – माओवादियों ने भीमा पर पुलिस की मुखबिरी का आरोप लगाया और इसी वजह से उसे निशाना बनाया।

  4. गांव में दहशत – हत्या के बाद पूरे गांव और आसपास के क्षेत्र में डर और सनसनी का माहौल है।

  5. पुलिस जांच – घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू कर दी।

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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की पिछली वारदातें

यह पहली बार नहीं है जब नक्सलियों ने ग्रामीणों को निशाना बनाया। 16 सितंबर को दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के निलावाया गांव में भी माओवादी एक ग्रामीण बंडी कोर्रम की हत्या कर चुके हैं। जानकारी के मुताबिक, चार साल पहले बंडी कोर्रम के बेटे हरेंद्र कोर्रम की भी माओवादी हिंसा में हत्या हो चुकी थी।

बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में लगातार माओवादी गतिविधियों से स्थानीय ग्रामीण भयभीत हैं। पुलिस की जांच जारी है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह घटनाएँ राज्य में नक्सली हिंसा की गंभीर स्थिति को उजागर करती हैं और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं।

FAQ

बीजापुर जिले में ग्रामीण की हत्या कब हुई?
बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र के पुजारीकांकेर गांव में 1 अक्टूबर की रात ग्रामीण मड़कम भीमा की माओवादियों ने हत्या कर दी।
बीजापुर में माओवादियों ने ग्रामीण की हत्या क्यों की?
माओवादियों ने ग्रामीण मड़कम भीमा पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था, जिसके चलते धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी गई।
बीजापुर घटना के बाद पुलिस ने क्या कदम उठाए?
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई।
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